राजस्थान की ब्यूरोक्रेसी में इन दिनों ट्रांसफर-पोस्टिंग और पदोन्नति को लेकर चर्चा खूब है। सबसे बड़ी चर्चा तो यह है कि तीन माह पहले प्रमोशन देकर जिन आरएएस अफसरों को आइएएस बनाया गया था वे तो पुराने पदों पर काम कर रहे हैं, लेकिन 20 दिन पहले आरपीएस से आइपीएस बने अफसर पोस्टिंग पाने में कामयाब रहे।
Rajasthan Bureaucracy: राजस्थान की ब्यूरोक्रेसी में इन दिनों ट्रांसफर-पोस्टिंग और पदोन्नति को लेकर चर्चा खूब है। सबसे बड़ी चर्चा तो यह है कि तीन माह पहले प्रमोशन देकर जिन आरएएस अफसरों को आइएएस बनाया गया था वे तो पुराने पदों पर काम कर रहे हैं, लेकिन 20 दिन पहले आरपीएस से आइपीएस बने अफसर पोस्टिंग पाने में कामयाब रहे। इसके अलावा 15 दिन पहले केंद्र में नियुक्ति पाने वाले डीओपी सचिव केके पाठक अभी तक रिलीव ही नहीं हो सके हैं। भारतीय प्रशासनिक सेवा में पदोन्नत होने वाले आरएएस अफसरों में मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा के संयुक्त सचिव जगवीर सिंह और उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी के विशेष सहायक ललित कुमार भी शामिल थे।
आरएएस से आइएएस बने नवनीत कुमार, सुखवीर सैनी, हरफूल सिंह यादव, राजेश वर्मा, सुरेश चंद्र, महेन्द्र कुमार खींची, अजीत सिंह राजावत, अवधेश शर्मा, राकेश शर्मा, जगवीर सिंह, बृजेश कुमार चंदोलिया, डॉ. हर सहाय मीणा, जुगल किशोर मीणा, राकेश राजोरिया, ललित कुमार व डॉ. शिव प्रसाद सिंह को 2016 का बैच आवंटित किया गया। इस बैच में सीधे आइएएस बने अफसर इस समय विभिन्न जिलों में कलक्टर के पद पर काम कर रहे हैं, लेकिन ये आज भी आरएएस के समय लगे पद पर ही काम कर रहे हैं। दूसरी तरफ हाल ही आई आरएएस अफसरों की एक सूची में प्रमोटी आइएएस हरफूल सिंह यादव की जगह अन्य आरएएस अफसर को लगा दिया गया, जिससे यादव अब एपीओ चल रहे हैं।
इस माह की शुरुआत में पांच आरपीएस अफसर पीयूष दीक्षित, विशनाराम, पुष्पेन्द्र सिंह राठौड़, कमल शेखावत, अवनीश कुमार को पदोन्नत कर आइपीएस अफसर बना दिया गया। पांच दिन पहले इनको नए पदों पर नियुक्ति भी दे दी गई। इन अफसरों के मामले में पदोन्नति से लेकर नए पदों पर नियुक्ति देने में मात्र तीन सप्ताह ही लगे।
राजस्थान कैडर के आइएएस और डीओपी सचिव के.के. पाठक को केंद्र सरकार ने 13 सितंबर को उर्वरक मंत्रालय में संयुक्त सचिव नियुक्त किया। 15 दिन बाद भी वे रिलीव नहीं हो सके हैं। यदि 21 दिन में रिलीव नहीं हुए तो नियुक्ति रद्द हो सकती है।