राजधानी जयपुर में ढाई घंटे की बारिश ने सरकार के 'कागजी विकास' की पोल खोल दी। सड़कें टूटी, गड्ढे उभरे और बिजली व्यवस्था चरमरा गई। सीवर-ड्रेनेज कार्यों की अधूरी हालत और लापरवाह सिस्टम ने आमजन की मुसीबतें बढ़ाईं।
जयपुर: शहर में जब बरसात आई, तो केवल पानी नहीं गिरा, साथ में गिरा सरकार का ‘कागजी विकास’ भी। सड़कों की लीपापोती और मरम्मत का दिखावा ढाई घंटे की बारिश में बह गया। मंगलवार सुबह लोग जब घरों से निकले, तो सड़कों के बजाय उन्हें गड्ढों, कीचड़ और जलभराव की सौगात मिली। ऐसा लगा जैसे शहर की सड़कों पर ‘खुदाई उत्सव’ चल रहा हो…हर मोड़ पर एक नया गड्ढा, हर चौराहे पर एक नई बांधा।
मंगलवार को सुबह जब लोग दफ्तर, दुकान और स्कूल की ओर निकले, तो हर इलाके में उन्हें टूटी सड़कें और उबड़-खाबड़ रास्ते मिले। हाल ये रहा कि पिछले एक सप्ताह से जिन सड़कों को जेडीए और दोनों नगर निगम मिलकर ‘चिकना’ करने में जुटे थे, वे बारिश में ‘थर्रा’ उठीं। गड्ढों की भरमार के चलते शहरवासियों को सफर करने में भारी दिक्कत आई।
केसर नगर चौराहा और मुहाना मंडी के आसपास जेडीए की पब्लिक हेल्थ इंजीनियरिंग (पीएचई) शाखा पिछले कई महीनों से सीवर लाइन डाल रही है। लेकिन सड़क का पुनर्निर्माण अब तक नहीं हुआ। वहीं, गांधी पथ पश्चिम की सड़क तो बीते तीन महीनों से टूटी हुई है। महाराणा प्रताप मार्ग पर सीवर का काम इतना धीमा है कि उसे देखकर घड़ी भी थक जाए।
सोमवार शाम हुई तेज बारिश के आगे शहर का बिजली तंत्र पूरी तरह बेबस नजर आया। बारिश थमने के बाद भी हजारों कॉलोनियों में बिजली गुल रही। बिजली तंत्र की हालत रातभर खराब रही और सुबह तक सुधार नहीं हुआ। कई इलाकों में बिजली की आंख-मिचौली चलती रही और लोग परेशान होते रहे। एफआरटी (फॉल्ट रेक्टिफिकेशन टीम) को लेकर भी लोगों की शिकायत रही।
विभाग के इंजीनियर केवल यही कहते रहे कि एफआरटी रवाना हो गई है, लेकिन टीम को पहुंचने में एक घंटे से अधिक समय लग गया। आदर्श नगर के निवासी रात 8 से 11 बजे तक बिजली बंद रहने से परेशान रहे। आनंदपुरी निवासी अनिल सैनी ने बताया, ’रात तो किसी तरह अंधेरे में कट गई, लेकिन सुबह भी हालात नहीं बदले। सुबह 6 बजे से फिर बिजली गुल हो गई जो 10 बजे तक लगातार बंद रही।’
ब्रह्मपुरी क्षेत्र के सीतारामपुरी इलाके में सोमवार शाम हुई भारी बारिश के बाद धाभाई जी का कुंड की पुरानी दीवार ढह गई। इससे मिट्टी का कटाव शुरू हो गया और आसपास के कई मकानों पर खतरा मंडराने लगा है। हैरिटेज नगर निगम ने वहां स्थिति संभालने के लिए दो मड पंप लगाए, लेकिन वे एक घंटे बाद ही बंद हो गए।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि क्षेत्रीय विधायक बालमुकुंदाचार्य ने कुछ समय पहले कुंड के तीन ओर बाउंड्रीवॉल बनवाई थी, लेकिन एक ओर का हिस्सा अधूरा छोड़ दिया गया था। इसी तरफ की पुरानी दीवार इस बार ढह गई।
ढाई घंटे की बारिश ने यह साफ कर दिया कि शहर की सड़कों पर केवल तारकोल नहीं, बल्कि लापरवाही और अनदेखी की मोटी परत चढ़ी है। सवाल सिर्फ बारिश से नहीं है, सवाल यह है कि महीनों की तैयारियों का ढांचा इतनी जल्दी कैसे बह गया? और अगली बारिश में कौन सी नई सड़क ‘गड्ढा’ बनने वाली है?
-दादी का फाटक अंडरपास में मड पंप पानी नहीं निकाल पाए, वाहन पानी में ही चलते रहे।
-मुरलीपुरा स्कीम रोड पर गड्ढे इतने ज्यादा हो गए कि स्थानीय लोगों ने रास्ता ही रोक दिया।
-निवारू रोड पर सड़क में गड्ढे दिन भर राहगीरों के लिए मुसीबत बने रहे।
-200 फीट बायपास से सटी कई मुख्य सड़कें बर्बाद हो गईं, लोगों को आवाजाही में मुश्किलें उठानी पड़ीं।
-मुख्य टोंक रोड पर रामनिवास बाग के पास सड़क क्षतिग्रस्त हुई, मरम्मत अब तक शुरू नहीं हुई।
-मुहाना मंडी रोड और सांगानेर से रामपुरा रोड तक की स्थिति भी बदतर है।
-झालाना में राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर की ओर जाने वाली सड़क एक तरफ धंस गई है।
-पृथ्वीराज नगर-उत्तर की करणी पैलेस रोड कॉलोनियों में जगह-जगह जलभराव से लोग परेशान हैं।
निगम सीमा क्षेत्र में गड्ढे भरने का काम तेजी से चल रहा था, लेकिन बारिश की वजह से वह प्रभावित हुआ है। जहां-जहां जलभराव की शिकायतें मिली हैं, वहां निस्तारण किया जा रहा है।
-सौम्या गुर्जर, महापौर, ग्रेटर निगम
बारिश के बाद निगम आयुक्त सहित पूरी टीम फील्ड में रही। हमारी कोशिश है कि बारिश से जो नुकसान सड़क, सीवरेज और ड्रेनेज को हुआ है, उसे जल्द दुरुस्त कर आमजन को राहत दी जाए।
-कुसुम यादव, महापौर, हैरिटेज निगम