ऑस्ट्रिया से भारत आ रहे विमान में एक एयर होस्टेस को सुप्रावेंट्रिकुलर टैकीकार्डिया का अटैक पड़ गया। इस दौरान मरीज के लिए जयपुर के वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. पुनीत रिझवानी भगवान बनकर सामने आए।
जयपुर। डॉक्टर भगवान का रूप होते हैं। यह कहावत एक बार फिर सच साबित हुई है। हाल ही में सामने आए एक ताजा मामले में राजस्थान के एक डॉक्टर ने जिस तरह एक महिला का जीवन बचाया, उन्होंने मानवता की मिसाल पेश की है।
दरअसल ऑस्ट्रिया से भारत आ रहे विमान में एक 25 वर्षीय एयर होस्टेस को अचानक सुप्रावेंट्रिकुलर टैकीकार्डिया (SVT) का अटैक पड़ गया। घटना के दौरान विमान में सवार अन्य यात्री भी घबरा गए। लेकिन सौभाग्यवश उसी फ्लाइट में जयपुर के वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. पुनीत रिझवानी भी यात्रा कर रहे थे। उन्होंने बिना समय गंवाए एयर होस्टेस को तत्काल चिकित्सा सहायता दी।
डॉ. पुनीत रिझवानी ने पत्रिका डॉट कॉम के साथ बातचीत में कहा कि उड़ान के दौरान अचानक केबिन में घोषणा हुई, क्या विमान में कोई डॉक्टर मौजूद हैं ? इस आवाज ने विमान के माहौल को गंभीर बना दिया था। सुनते ही वे तुरंत अपनी सीट से उठे और जाकर देखा। एक एयर होस्टेस घबराई हुई बैठी हुई थी। उनके दिल की धड़कन बहुत तेज 180 से 200 के आसपास थी।
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डॉ. रिझवानी ने बताया कि मैंने सबसे पहले मरीज को तसल्ली दी और धीरे-धीरे उसकी मेडिकल हिस्ट्री पूछी। उससे बातचीत और जानकारी से यह स्पष्ट हुआ कि उसे पहले से कोई हृदय रोग नहीं था। वहां पर ईसीजी भी नहीं की जा सकती थी।
धड़कन होना और अन्य लक्षणों से अनुमान लगाया कि यह SVT हो सकता है। वैसे ऐसी स्थिति में उपचार करना कोई नई बात नहीं है लेकिन जब 30,000 फीट की ऊंचाई पर करना हो और बिना उपकरणों के तो यह आसान नहीं होता।
ऐसे में एक सरल और सुरक्षित तकनीक अपनाई (कैरोटिड साइनस मसाज) जो विशेष परिस्थितियों में हृदय गति सामान्य करने में सहायक होती है। कैरोटिड साइनस मसाज से कुछ ही क्षणों में एयर होस्टेस की धड़कन सामान्य हो गई और सभी ने राहत की सांस ली।
फ्लाइट के क्रू मेंबर्स और यात्रियों ने डॉक्टर की सराहना की। इस घटना ने एक बार फिर यह एहसास दिलाया कि जब जिंदगी डगमगाने लगे, तो डॉक्टर ही भगवान बनकर सामने आते हैं।
SVT जैसे मामलों में कैरोटिड साइनस मसाज की जाती है जब दिल की धड़कन बहुत तेज हो जाती है। कैरोटिड साइनस मसाज गर्दन में जबड़े के नीचे कैरोटिड आर्टरी के पास के हिस्से 'जिसे कैरोटिड साइनस कहते हैं' पर धीरे से दबाव डालकर करीब 10 सेकेंड तक की जाती है।
यह दबाव ब्रेन को यह संकेत देता है कि ब्लड प्रेशर बढ़ गया है, जिससे शरीर दिल की धड़कन को धीमा कर देता है। यह प्रक्रिया सिर्फ डॉक्टर द्वारा की जानी चाहिए। बुजुर्ग मरीजों, स्ट्रोक की हिस्ट्री वाले या ब्लॉकेज की आशंका वाले लोगों में यह खतरनाक हो सकती है।