जयपुर शहर की करीब 50 करोड़ की आबादी को अब अगले 15 साल तक पेयजल संकट से बड़ी राहत मिलने वाली है। राजस्थान सरकार ने बीसलपुर डेम से जयपुर तक एक नई पाइप लाइन बिछाने की कार्य योजना को मंजूरी दी है। प्रोजेक्ट पर करीब 1886 करोड़ की लागत आने का अनुमान है।
मानसून में इस बार जयपुर की लाइफ लाइन बीसलपुर डेम में पानी की बंपर आवक हो रही है और डेम अब छलकने के बेहद करीब पहुंच गया है। वहीं अब जयपुर शहर की करीब 50 करोड़ की आबादी को अब अगले 15 साल तक पेयजल संकट से बड़ी राहत मिलने वाली है। राजस्थान सरकार ने बीसलपुर डेम से जयपुर तक एक नई पाइप लाइन बिछाने की कार्य योजना को मंजूरी दी है। प्रोजेक्ट पर करीब 1886 करोड़ की लागत आने का अनुमान है। अगले दो साल में प्रोजेक्ट पूरा होने पर जयपुर शहर आसपास के इलाकों को दोगुना मात्रा में पानी बीसलपुर डेम से मिल सकेगा।
जल संसाधन विभाग और जलदाय विभाग रामजल सेतु लिंक परियोजना- RSLP के तहत प्रोजेक्ट का खाका तैयार करने में जुटे हैं। बीसलपुर डेम से जयपुर तक एक अतिरिक्त पाइप लाइन बिछाए जाने पर जयपुर शहर को मेंटीनेंस या अन्य तकनीकी कारणों से बाधित होने वाली पेयजल आपूर्ति से बड़ी राहत मिलने वाली है। पिछले कुछ वर्षों में विभिन्न कारणों से बीसलपुर जलापूर्ति बाधित रहने पर शहर के लोगों को गंभीर पेयजल संकट का सामना करना पड़ा है।
जलदाय अधिकारियों के अनुसार जयपुर से 10 किलोमीटर दूर रेनवाल में एक नया वाटर स्टोरेज बनाया गया है जिसे बीसलपुर डेम स्थित सुरजपूरा फिल्टर प्लांट से जोड़ा गया है। हालांकि अब रेनवाल से जयपुर के बालावाला पंप हाउस तक नई पाइप लाइन बिछाने के लिए डीपीआर जल्द तैयार होगी और उसके बाद टेंडर प्रक्रिया पूरी होने पर चयनित फर्म को कार्यादेश जारी होंगे। बालावाला पंप हाउस के नजदीक एक नया वाटर स्टोरेज टैंक बनाया जाना प्रस्तावित है।
बीसलपुर डेम से जयपुर शहर को अभी करीब 400 एमएलडी पानी रोजाना सप्लाई हो रहा है। वहीं प्रोजेक्ट पूरा होने पर पानी ट्रांसफर की क्षमता 820 एमएलडी तक करने की कार्य योजना है। जानकारों की मानें तो आगामी वर्षों में बीसलपुर डेम से 1200 से लेकर 1500 एमलएडी तक पानी ट्रांसफर किया जा सकेगा। जिससे जयपुर शहर और जिले के अन्य इलाकों को बीसलपुर से भरपूर मात्रा में पानी मिल सकेगा।
जलदाय अधिकारियों की मानें तो विभाग ने वर्ष 2039 की संभावित जनसंख्या को देखते हुए बीसलपुर से जयपुर तक नई पाइप लाइन बिछाने की कार्य योजना की डीपीआर वर्ष 2023 में ही तैयार कर ली थी। लेकिन उच्च स्तरीय मंजूरी नहीं मिलने पर योजना खटाई में पड़ गई। अब सरकार ने रामजल सेतु लिंक परियोजना- आरएसएलपी के तहत प्रोजेक्ट को मंजूरी दी है। जिस पर करीब 1886 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है।