टमाटर की बेतहाशा बढ़ रही कीमतों से जयपुर शहर के बाशिंदों के लिए अब टमाटर खरीदना मानों सपना बनने लगा है। घरों में रसोई के बिगड़ रहे बजट ने गृहणियों को चिंता में डाल दिया है।
Muhana Fruit and Vegetable Mandi: जयपुर। बच्चों की जिंगल्स 'अहा टमाटर बड़े मजेदार' आपने जरूर सुनी होगा, लेकिन हकीकत में टमाटर की बेतहाशा बढ़ रही कीमतों से जयपुर शहर के बाशिंदों के लिए अब टमाटर खरीदना मानों सपना बनने लगा है। घरों में रसोई के बिगड़ रहे बजट ने गृहणियों को चिंता में डाल दिया है।
जयपुर में अक्टूबर माह में हुई बेमौसमी बारिश से शहर के आसपास होने वाली टमाटर की खेती बर्बाद होने का असर कीमतों पर पड़ा। अब दूसरे राज्यों से शहर की थोक सब्जी मंडियों में कम आवक से टमाटर आम आदमी की पहुंच से दूर होने लगा है। आवक कम होने से अगले एक महीने तक टमाटर के दाम कम होने की संभावना फिलहाल कम है।
जयपुर शहर की सबसे बड़ी फल सब्जी मंडी में एक महीने पहले तक रोजाना टमाटर की 50 से 60 गाड़ियां आ रही थी। जो अब घटकर 12 से 15 गाड़ी तक ही सीमित हो गई हैं। मंडी में सब्जी के होलसेल विक्रेता कन्हैया शर्मा ने बताया कि बेमौसमी बारिश और फसल में कीड़ा लगने से जयपुर शहर के आसपास हो रही टमाटर की पैदावार खराब हुई है। इसके कारण टमाटर के दाम इस बार आसमान छू रहे हैं। ऐसे में आगामी कुछ दिन और टमाटर के दाम कम होने की संभावना कम है।
सबसे बड़ी फल एवं सब्जी मंडी मुहाना में टमाटर की होलसेल रेट 40 से 45 रुपए प्रति किलोग्राम है। इस पर 7 फीसदी मंडी टैक्स और भाड़ा भी सब्जी विक्रेता को वहन करना होता है। दूसरी तरफ मंडी में ही टमाटर की पैदावार की कम आवक ने शहर में मानों टमाटर की किल्लत जैसे हालात बना दिए हैं। जिसका फायदा कुछ सब्जी विक्रेता उठा रहे हैं। बाजार में इन दिनों टमाटर गुणवत्ता के अनुसार 60 से 90 रुपए प्रति किलोग्राम की दर से बिक रहा है।
मुहाना मंडी में सब्जी विक्रेताओं के अनुसार इन दिनों मंडी में मध्य प्रदेश और गुजरात से रोजाना 12 से 15 गाड़ियों में टमाटर की आवक हो रही है। बीते दिनों आंध्र प्रदेश से टमाटर की पैदावार मंडी में पहुंची जरूर लेकिन टमाटर कम गुणवत्ता वाला होने के कारण मंडी में बिक्री से विक्रेताओं ने हाथ खींच लिए। ऐसे में अब आंध्र प्रदेश से होने वाली टमाटर की आवक लगभग बंद हो गई है।
जयपुर शहर में इन दिनों शादी समारोह की भरमार होने पर टमाटर की डिमांड में भी बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है। ऐसे में बाजार में टमाटर की उपलब्धता कम होने पर स्वत: ही सब्जी विक्रेताओं ने टमाटर के खुदरा दामों में मनमर्जी से बढ़ोतरी कर दी है।
टमाटर के दाम बेतहाशा बढ़ने से बिगड़ रहे रसोई के बजट को कंट्रोल में करने के लिए गृहणियों ने अब वैकल्पिक उपाय करने शुरू कर दिए हैं। गृहणियों नेअब सब्जी में खटाई के लिए टमाटर की जगह अमचूर का उपयोग शुरू कर दिया है। इसके अलावा बाजार में उपलब्ध पैकेज्ड टॉमेटो प्यूरी की खपत भी अब बढ़ने लगी है।
पिछले साल भी जयपुर में टमाटर की कीमतें बढ़ने पर प्रदेश के सहकारिता विभाग ने शहर में सस्ती दरों पर टमाटर की बिक्री की थी। बाजार में टमाटर की दरें ज्यादा होने के बावजूद अभी तक सरकारी स्तर पर इसकी बिक्री को लेकर विभाग ने कोई योजना नहीं बनाई है।