जयपुर

अक्षय ऊर्जा प्लांट के लिए दोगुनी कीमत में मिलेगी जमीन, अभी 40 प्रोजेक्ट पाइपलाइन में

प्रदेश में अक्षय ऊर्जा (सोलर, विंड एनर्जी) प्लांट और पार्क डवलप करना महंगा हो गया है। राज्य सरकार ने निजी कंपनियों को प्लांट के लिए सरकारी जमीन डीएलसी दर की दोगुनी कीमत पर आवंटन करने का फैसला किया है। अभी सोलर व विंड एनर्जी प्लांट के 40 प्रोजेक्ट पाइपलाइन में है। इनके लिए 2.25 लाख हेक्टेयर जमीन के लिए आवेदन किया हुआ है। अभी तक डीएलसी दर पर जमीन का आवंटन होता रहा है।

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Apr 04, 2025

सरकारी जमीन का आवंटन अब डीएलसी दर की दोगुना दर पर होगा, राजस्व विभाग ने जारी किए आदेश

अभी ऐसे 40 प्रोजेक्ट के लिए 2.25 लाख हेक्टेयर जमीन की है जरूरत

जयपुर. प्रदेश में अक्षय ऊर्जा (सोलर, विंड एनर्जी) प्लांट और पार्क डवलप करना महंगा हो गया है। राज्य सरकार ने निजी कंपनियों को प्लांट के लिए सरकारी जमीन डीएलसी दर की दोगुनी कीमत पर आवंटन करने का फैसला किया है। अभी सोलर व विंड एनर्जी प्लांट के 40 प्रोजेक्ट पाइपलाइन में है। इनके लिए 2.25 लाख हेक्टेयर जमीन के लिए आवेदन किया हुआ है। अभी तक डीएलसी दर पर जमीन का आवंटन होता रहा है।

अभी ज्यादातर कंपनियां पावर परचेज एग्रीमेंट के तहत प्रदेश में सोलर प्लांट लगाकर करीब 70 फीसदी बिजली दूसरे राज्यों में ले जा रही हैं। इससे ऐसी कंपनियों पर ज्यादा असर पड़ेगा। राजस्थान ही एकमात्र ऐसा राज्य है, जहां सोलर रेडिएशन 22 प्रतिशत है। इसलिए ज्यादातर कंपनियां यहीं प्लांट लगाने के लिए आ रही हैं। इसके बाद गुजरात (18 प्रतिशत रेडिएशन) का नम्बर है।

अभी तक 92 हजार हेक्टेयर जमीन दी...

अभी अक्षय ऊर्जा प्लांट के लिए करीब 92 हजार हेक्टेयर सरकारी जमीन आवंटित की गई है। इसमें 25 हजार हेक्टेयर जमीन काफी पहले ही विंड एनर्जी प्लांट के लिए दी जा चुकी है। इसके बाद डीएलसी दर पर जमीन आवंटन शुरू किया गया। डीएलसी दर पर 67 हजार हेक्टेयर जमीन आवंटित की गई।

लीज रेंट डीएलसी का 7.5 प्रतिशत लेंगे

जमीन आवंटित के लिए हर साल लीज रेंट लिया जाता है। सरकार इसे 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 7.50 प्रतिशत कर चुकी है। जमीन आवंटन भले ही डीएलसी की दोगुना दर पर होगा, लेकिन लीज राशि की गणना मौजूदा डीएलसी दर पर ही होगी।

समिट के 23 लाख करोड़ के प्रोजेक्ट भी दायरे में..

राइजिंग राजस्थान इन्वेस्टमेंट ग्लोबल समिट में 35 लाख करोड़ में से 26 लाख करोड़ के एमओयू अकेले ऊर्जा क्षेत्र में हुए हैं। इनके लिए कई लाख हेक्टेयर जमीन की जरूरत होगी। ये भी नए आदेश के दायरे में आएंगे।

बिजली नहीं तो फेसिलिटेशन चार्ज..

पॉलिसी में प्रावधान है कि राजस्थान में प्लांट लगाने वाली कंपनियां कुल उत्पादित बिजली का 7 प्रतिशत हिस्सा डिस्कॉम्स को देंगी या फिर उससे 50 हजार रुपए प्रति मेगावाट रिन्यूएबल एनर्जी डवलपमेंट फेसिलिटेशन चार्ज लेंगे। इस फंड के जरिए हर साल करीब 200 करोड़ रुपए आ रहा है। अभी इस चार्ज को प्रति हेक्टेयर के आधार पर किया गया है।

Published on:
04 Apr 2025 06:44 pm
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