Universal Health Coverage: मातृ-शिशु स्वास्थ्य से डिजिटल हेल्थ तक— प्रदेश में तेजी से बदल रहा स्वास्थ्य ढांचा। मुख्यमंत्री बोले— राजस्थान बनेगा ‘हेल्थ एंड वेलनेस कैपिटल’, प्रवासी राजस्थानियों की अहम भूमिका।
Rajasthan Health Sector: जयपुर. प्रवासी राजस्थानी दिवस समारोह के दौरान आयोजित चिकित्सा विषयक विशेष सत्र में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि राजस्थान स्वास्थ्य एवं वेलनेस के क्षेत्र में देश का अग्रणी राज्य बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य में सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, मेडिकल टूरिज्म, फार्मा और मेडिकल डिवाइस मैन्युफैक्चरिंग, एआई टेक्नॉलॉजी, वन हेल्थ रिसर्च सेंटर सहित अनेक क्षेत्रों में अपार संभावनाएं मौजूद हैं। प्रवासी राजस्थानियों के सहयोग से इन सपनों को शीघ्र साकार किया जा सकता है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि सतत विकास लक्ष्य-3 और वर्ष 2030 तक यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज के लक्ष्य को पाने की दिशा में राजस्थान मजबूती से कार्य कर रहा है। विगत दो वर्षों में 7 नए मेडिकल कॉलेज शुरू किए गए हैं और 15 नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना प्रक्रिया जारी है। इसी अवधि में 2200 नई एमबीबीएस, पीजी और सुपर स्पेशलिटी सीटें बढ़ाई गई हैं। उन्होंने कहा कि राज्य वन हेल्थ मॉडल— मानव, पशु और पर्यावरण स्वास्थ्य के एकीकृत दृष्टिकोण को भी आगे बढ़ा रहा है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना के तहत हर व्यक्ति को 25 लाख रुपए तक कैशलेस उपचार मिल रहा है। अब तक 35 लाख लोग इसका लाभ ले चुके हैं। निःशुल्क जांच योजना में 30 करोड़ जांच और 9 करोड़ मरीजों को राहत तथा निःशुल्क दवा योजना के तहत 10 करोड़ से अधिक रोगियों को दवाइयां उपलब्ध करवाई गई हैं। गर्भवती महिलाओं के लिए मा वाउचर योजना में 2.25 लाख सोनोग्राफी निःशुल्क की गई हैं।
चिकित्सा मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने कहा कि राजस्थान का स्वास्थ्य मॉडल यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज की दिशा में अन्य राज्यों के लिए मिसाल है। उन्होंने कहा कि ‘हील इन राजस्थान’ नीति मेडिकल टूरिज्म को बढ़ावा दे रही है। मानव संसाधन की कमी दूर करने के लिए मिशन मोड में 35 हजार पदों पर भर्ती प्रक्रिया पूरी की गई है।
सामाजिक न्याय मंत्री अविनाश गहलोत ने कहा कि स्वास्थ्य सामाजिक न्याय का मूलभूत अधिकार है। महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री डॉ. मंजू बाघमार ने मातृ-शिशु स्वास्थ्य, एनीमिया नियंत्रण और किशोरी पोषण में राज्य में हो रहे सुधारों की जानकारी दी।
प्रमुख शासन सचिव गायत्री राठौड़ ने बताया कि 6.38 करोड़ से अधिक आभा आईडी बनाई जा चुकी हैं और आईएचएमएस, ई-संजीवनी तथा क्यूएमएस जैसी सेवाओं से अस्पतालों की कार्यक्षमता में व्यापक सुधार हुआ है।