Misa Prisoners Pension Latest update : मीसा पेंशन को अधिनियम का अमलीजामा पहनाने को लेकर सरकार में उच्च स्तर पर मंथन चल रहा है। सूत्रों की मानें तो इसी बजट सत्र में ही सरकार मीसा पेंशन को लेकर विधेयक लाने की तैयारी में है।
Rajasthan News : जयपुर। आपातकाल के दौरान आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था अधिनियम (मीसा) के तहत जेलों में बंद किए गए मीसा बंदियों को पेंशन सहित कई अन्य सुविधाएं आगे से कोई भी सरकार बंद नहीं कर पाएगी। इसके लिए भजनलाल सरकार एक्ट लाएगी। पेंशन को अधिनियम का अमलीजामा पहनाने को लेकर सरकार में उच्च स्तर पर मंथन चल रहा है।
सूत्रों की मानें तो इसी बजट सत्र में ही सरकार मीसा पेंशन को लेकर विधेयक लाने की तैयारी में है। विधानसभा में विधेयक पर चर्चा के बाद इसे इसी सत्र में ही पारित कराया जाएगा। प्रदेश में करीब 1100 से भी ज्यादा मीसा और डीआईआर बंदी हैं, जो 26 जून 1975 को आपातकाल लगने से लेकर 1977 के दौरान जेलों में बंद रहे थे।
राजस्थान में पहली बार वर्ष 2008 में तत्कालीन भाजपा सरकार ने मीसा बंदियों को लोकतंत्र सेनानी बताते हुए 6 हजार रुपए पेंशन और पांच सौ रुपए चिकित्सा सहायता प्रतिमाह शुरू की थी। विधानसभा चुनाव के संकल्प पत्र में भी भाजपा ने मीसा बंदियों के लिए एक्ट लाने का वादा किया था।
वर्ष 2009 और 2019 में कांग्रेस ने मीसा बंदियों की पेंशन और अन्य सुविधाओं को बंद कर दिया था। वर्ष 2023 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने मीसा बंदियों की पेंशन के मुद्दे को उठाया था। प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद भजनलाल सरकार ने मीसा बंदियों की पेंशन शुरू करने का निर्णय लिया। पेंशन 20 हजार रुपए और चिकित्सा सहायता चार हजार रुपए प्रति माह कर दी।
मीसा बंदियों को लेकर पार्टी ने अपने संकल्प पत्र में जो वादा किया था, सरकार अब सकारात्मक सोच के साथ उसे लेकर आगे बढ़ रही है।
-ओंकार सिंह लखावत, अध्यक्ष धरोहर विकास प्राधिकरण