सुनील सिंह सिसोदिया
Rajasthan News : जयपुर। राजस्थान में महंगी बजरी खरीदने को मजबूर जनता को राहत मिलने में अभी 6 माह का समय लग सकता है। नई बजरी खानों के चालू होने के बाद जयपुर में 1400 रुपए टन तक मिल रही बजरी 600 रुपए टन तक मिल सकती है। अभी नदी में बजरी खानों में 900 रुपए टन तक वसूले जा रहे हैं। लेकिन नई खानों के आवंटन में यह दर 200 रुपए टन तय कर दी गई है। नई खानों का आवंटन चालू हो गया है।
बनास नदी की 3 खानें कुछ दिन पहले ही सरकारी कंपनी आरएसएमएमएल को आवंटित की गई हैं। वहीं जल्द 32 खानें और नीलामी में दी जानी है। यह नीलामी अगले माह होगा। खान विभाग के अधिकारियों के मुताबिक खान आवंटन होने के बाद चालू होने में करीब 6 माह का समय लगेगा। इसकी बड़ी वजह पर्यावरण अनापत्ति प्रमाण पत्र लेना है।
राजधानी जयपुर सहित प्रदेशभर में बजरी कुछ दिनों से और महंगी हो गई है। जयपुर में कुछ दिन पहले तक 1150 रुपए टन तक बजरी मिल रही थी। वह अब 1400 रुपए टन या इससे ज्यादा तक मिल रही है। अभी प्रदेश में वैसे तो करीब 23 खानें बजरी की चल रही हैं, लेकिन बनास नदी में टोंक जिले के उनियारा में ही अभी एक खान चल रही है। इससे बजरी के भाव एक बार फिर आसमान पर पहुंच गए हैं।
बजरी माफिया की कमर तोड़ने को लेकर राज्य सरकार ने अच्छी पहल करते हुए सरकारी कंपनी आरएसएमएमएल को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में बजरी खनन में उतार दिया है। तीन खानों के लिए मंशा पत्र जारी कर दिए हैं। पर्यावरण अनापत्ति प्रमाण पत्र मिलने के बाद ये खानें चालू हो जाएंगी। इसके अलावा 32 खानों की नीलामी अगले माह जुलाई में होगी। यह खानें 40 से 100 हैक्टेयर तक की हैं।
खान नीलामी की शर्तों में शामिल किया गया है कि रॉयल्टी को शामिल करते हुए चार गुना तक बजरी की बिक्री की जा सकेगी। रॉयल्टी अभी 50 रुपए टन है। ऐसे में 200 रुपए टन में नदीं से बजरी मिलेगी। जयपुर की बात करें तो बनास नदी से 400 से 500 रुपए टन तक भाड़ा लग सकता है। इस तरह बजरी जयपुर में 600 से 700 रुपए टन तक मिल सकेगी।
खान विभाग के अधिकारियों के मुताबिक प्रदेश में सालाना बजरी की 700 लाख टन खपत है। अभी बजरी की खानें 23 चल रही हैं। अगले माह 32 बजरी खानों की नीलामी होगी। उसके बाद 70 से अधिक और खानों की नीलामी की तैयारी है। पहले के मुकाबले खानें में छोटी आवंटित की जा रही है। इससे अब बजरी की भविष्य में बजरी खानों की संख्या 150 तक पहुंच सकती है। छोटी और संख्या अधिक होने से बजरी कारोबार पर किसी का एकाधिकार भी नहीं रहेगा।
बीसलपुर बांध से भी बजरी की निकासी चालू होने को मंजूरी मिलने से यहां से भी बजरी लोगों को मिल सकेगी। इससे बाजार में पर्याप्त मात्रा में बजरी की उपलब्धता होगी।
Updated on:
23 Jun 2024 10:21 am
Published on:
21 Jun 2024 01:04 pm