Chiranjeevi Yojana : जयपुर। राजस्थान में पूर्ववर्ती गहलोत सरकार के समय शुरू हुई चिरंजीवी योजना पर ब्रेक लग सकता है। चर्चा यह भी है कि राजस्थान में चिरंजीवी योजना की जगह आयुष्मान हेल्थ स्कीम की तर्ज पर नई योजना लाई जा सकती है। दरअसल, भजनलाल सरकार के मंत्रियों द्वारा दिए गए बयान के यही मायने निकाले जा रहे है। स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर और पीएचईडी मंत्री कन्हैयालाल चौधरी ने चिरंजीवी योजना को छलावा बताते हुए कहा कि इससे पूरे प्रदेश में एक भी आदमी को 25 लाख रुपए तक का बेनिफिट नहीं मिला है। ऐसे में माना जा रहा है कि भजनलाल सरकार जल्द ही प्रदेश के स्वास्थ्य मॉडल में बदलाव कर सकती है।
भजनलाल सरकार ने अभी इस योजना में बदलाव का आदेश नहीं निकाला है। लेकिन, राजस्थान के हर जिले में केंद्र की आयुष्मान भारत स्वास्थ्य बीमा योजना के 5-15 लाख तक कार्ड बनाने का लक्ष्य रखा गया है। राजस्थान में चिरंजीवी योजना को लेकर अप्रैल-मई महीने में 25 लाख का इंश्योरेंस रिनुअल होना था, लेकिन अप्रैल में 2 दिन बाद ही भजनलाल सरकार ने चिरंजीवी योजना के पोर्टल को बंद कर दिया। ऐसे में लोगों को इस योजना का लाभ भी नहीं मिल पा रहा है। इस योजना के तहत लोगों को 25 लाख रुपए तक का इंश्योरेंस मिलता है। लेकिन, अब चर्चा है कि भजनलाल सरकार मात्र 5 लाख रुपए तक का ही स्वास्थ्य बीमा देगी।
टोंक में पीएचईडी मंत्री कन्हैयालाल चौधरी ने मीडिया से चर्चा के दौरान कहा कि हमारी सरकार चाहती है की जो योजनाएं लागू है उनका पूरा बेनिफिट जनता को मिले। जब हमने चिरंजीवी योजना की जांच की तो देखा की पूरे राजस्थान में एक भी आदमी को 25 लाख रुपए तक का बेनिफिट नहीं मिला। क्योंकि किसी को जरूरत नहीं पड़ी। उन्होंने कहा कि अधिकतम लोगों के एक परिवार में इलाज के लिए एक साल में पांच लाख रुपए तक के इलाज की ज़रूरत पड़ती है। पूर्ववर्ती वसुंधरा राजे की सरकार में भी भामाशाह योजना के तहत सबको इलाज मिलता था। गहलोत राज में उस योजना का नाम बदला गया था, लेकिन लोगों को जो बेनिफिट मिलना चाहिए था वो नहीं मिल पाया। अब हमारी सरकार चाहती है कि उसमें जो भी त्रुटि है, उसको पूरा करें।
वहीं, जयपुर में मीडिया से चर्चा के दौरान स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने गहलोत राज में शुरू की गई चिरंजीवी योजना को छलावा बताते हुए कहा कि इसमें कई कमियां है। इस योजना के तहत अभी तक किसी का भी 25 लाख का इलाज किसी का नहीं किया गया। सिर्फ एक केस में ही 13 लाख का इलाज हुआ था। उन्होंने कहा कि चिरंजीवी से पहले वसुंधरा राजे ने प्रदेश में भामाशाह योजना शुरू की थी। लेकिन, गहलोत सरकार ने उस योजना का सिर्फ नाम बदला गया। ऐसे में इस योजना में कई बदलाव की जरूरत है, जिस पर हमारी सरकार विचार कर रही है।
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Updated on:
21 Jun 2024 01:14 pm
Published on:
21 Jun 2024 12:42 pm