हाड़ौती और मारवाड़ अंचल में अतिभारी बारिश से कोटा बैराज और जवाहर सागर डेम छलक पड़े । बांधों के गेट खोलकर पानी की लगातार निकासी की जा रही है। वहीं मौसम विभाग ने आगामी दो दिन तीन जिलों में अतिभारी बारिश की आशंका के चलते रेड अलर्ट जारी किया है। वहीं 10 से ज्यादा जिलों में भी भारी बारिश की आशंका जताई है।
राजस्थान में दक्षिण पश्चिमी मानसून इस बार जमकर मेहरबान हो रहा है। प्रदेश के 33 से ज्यादा जिलों में औसत से 60 फीसदी या उससे भी ज्यादा बारिश पहले दौर में दर्ज हो चुकी है। वहीं छह बड़े बांधों में भी पानी की बंपर आवक लगातार होने पर बांधों के छलकने की उम्मीद है। सोमवार को हाड़ौती और मारवाड़ अंचल में अतिभारी बारिश से कोटा बैराज और जवाहर सागर डेम छलक पड़े । बांधों के गेट खोलकर पानी की लगातार निकासी की जा रही है। वहीं मौसम विभाग ने आगामी दो दिन तीन जिलों में अतिभारी बारिश की आशंका के चलते रेड अलर्ट जारी किया है। वहीं 10 से ज्यादा जिलों में भी भारी बारिश की आशंका जताई है।
कोटा बैराज में पानी की बंपर आवक के चलते सोमवार को बैराज के दोपहर तक तीन गेट खुले वहीं शाम तक 12 गेट खोलकर चार मीटर से ज्यादा खोलकर करीब 2 लाख क्यूसेक पानी की निकासी की गई। झालवाड़ में कालीसिंध डेम के खुले एक गेट से पानी की निकासी की गई। करौली जिले के पांचना डेम के भी दो गेट खोलकर पानी की निकासी हुई। बांसवाड़ा में माही बजाज सागर, टोंक जिले में बीसलपुर डेम, कोटा का नवनेरा डेम, धौलपुर जिले में पार्वती डेम भी अब छलकने के कगार पर हैं।
हाड़ौती अंचल में पिछले 24 घंटे में अतिभारी बारिश से बाढ़ जैसे हालात बन गए। कोटा, बूंदी, से लेकर मारवाड़ अंचल के पाली शहर में मूसलाधार बारिश हुई। भारी बारिश के चलते मंगलवार को सभी सरकारी और निजी स्कूलों में अवकाश घोषित करना पड़ा। भारी बारिश से जनजीवन थम गया वहीं नदी नालों से लेकर बांधों में भी पानी की भारी आवक हुई।
| डेम का नाम | पूर्ण जलभराव | जलस्तर /आरएल मीटर |
| कालीसिंध डेम | 316.0 | 314.0 |
| पांचना डेम | 258.62 | 258.0 |
| जवाहर सागर डेम | 300.84 | 297.48 |
| गुढ़ा डेम | 307.39 | 304.8 |
| कोटा बैराज | 260.91 | 260.13 |
| गांधी सागर रिजरवायर | 399.9 | 393.07 |
| गंभीरी डेम | 433.4 | 428.22 |
| राणाप्रताप सागर रिजरवायर | 354.18 | 351.71 |
| बीसलपुर डेम रिजरवायर | 315.50 | 314.17 |
राजस्थान में मानसून के पहले दौर में छोटे बड़े कुल 693 बांधों में से अब तक 85 बांध ही ओवरफ्लो हुए हैं। 33 से ज्यादा जिलों में बारिश अब तक सामान्य से 60 फीसदी या उससे ज्यादा अब तक दर्ज हो चुकी है। प्रदेश में 4.25 एमक्यूएम से अधिक क्षमता वाले कुल 286 बांध हैं जिसमें से 55 बांध अब भी सूखे हैं। जबकि 191 बांधों में पानी की आंशिक आवक रही है। वहीं 40 बांध ओवरफ्लो हो गए हैंं 4.25 एमक्यूएम से कम क्षमता वाले 407 बांधों में से 140 अब तक सूखे हैं। वहीं 222 बांध आंशिक रूप से भरे हैं और 45 बांध मानसून के पहले दौर में ही छलक गए हैं।
राजधानी जयपुर समेत 33 जिलों को मानसून ने पहले दौर में जमकर भिगोया है। इन जिलों में अब तक सामान्य से 60 फीसदी या उससे ज्यादा बारिश दर्ज हो चुकी है। वहीं 5 जिलों में बारिश का आंकड़ा सामान्य या उससे थोड़ा ज्यादा रहा है। बाड़मेर, बीकानेर, झालावाड़, फलोदी, प्रतापगढ़ ,सलूंबर और उदयपुर में अब तक सामान्य से 20 से 59 फीसदी अधिक बारिश हो चुकी है। प्रदेश के एकमात्र जिले जैसलमेर में इस बार मानसून रूठा है और अब तक सामान्य से 19 फीसदी कम बारिश अब तक दर्ज हुई है।
मौसम विभाग ने मंगलवार को प्रदेश के तीन जिलों में अतिभारी बारिश की आशंका के चलते रेड अलर्ट जारी किया है। वहीं दस से ज्यादा जिलों में भारी बारिश की संभावना के चलते ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।