जयपुर के नीरजा मोदी स्कूल में छात्रा अमायरा की हुई मौत के मामले में उनके मम्मी-पापा को अब भी कई सवाल खटक रहे हैं। उनके जेहन में ऐसे कई सवाल घूम रहे हैं, जिसका अभी तक कोई सटीक जवाब नहीं मिला है।
जयपुर। नीरजा मोदी स्कूल में 1 नवंबर को पांचवीं मंजिल से गिरने से हुई मासूम छात्रा अमायरा की मौत को एक सप्ताह बीत चुका है, लेकिन उसके माता-पिता का दर्द अब भी कम नहीं हुआ है। अपनी इकलौती बेटी को खो देने के बाद परिवार न्याय की उम्मीद में लगातार संघर्ष कर रहा है। परिजनों का आरोप है कि स्कूल प्रशासन सच छिपा रहा है और अब तक उन्हें उस दिन का सीसीटीवी फुटेज तक नहीं दिखाया गया।
अमायरा की मां शिवानी देव का कहना है कि उन्हें बस इतना चाहिए कि उनकी बेटी को न्याय मिले ताकि किसी और बच्चे के साथ ऐसा हादसा दोबारा न हो। उनका सवाल है कि अगर स्कूल के पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है, तो फुटेज दिखाने से इंकार क्यों किया जा रहा है? परिवार का आरोप है कि स्कूल ने शुरू से ही लापरवाही बरती, यहां तक कि अमायरा की बार-बार की गई शिकायतों पर भी ध्यान नहीं दिया गया।
माता-पिता के अनुसार, अमायरा ने अपनी क्लास टीचर को कई बार बताया था कि कुछ बच्चे उसे बुरे शब्द कहकर परेशान करते हैं, लेकिन स्कूल प्रशासन ने कभी कोई ठोस कदम नहीं उठाया। पिता विजय मीणा ने भी प्रबंधन पर गंभीर सवाल उठाते हुए कहा कि जिस दिन हादसा हुआ, उन्हें फोन पर सिर्फ यह बताया गया कि बेटी को चोट लगी है, जबकि असलियत कहीं ज्यादा भयावह थी।
परिवार का कहना है कि घटना से एक दिन पहले स्कूल में हुई पार्टी में अमायरा बेहद खुश थी, फिर अगले दिन ऐसा क्या हुआ कि उसने पांचवीं मंजिल से छलांग लगा दी? यह सवाल अब भी अनुत्तरित है। परिजन मानते हैं कि यदि स्कूल ने समय रहते कदम उठाए होते, तो शायद आज उनकी बेटी जिंदा होती।
शिक्षा विभाग ने इस मामले की जांच के आदेश दिए हैं, लेकिन अब तक रिपोर्ट सामने नहीं आई है। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर का कहना है कि जांच गहराई से चल रही है और अधिकारियों को समय दिया गया है। वहीं, अमायरा के माता-पिता अब भी पारदर्शी जांच और न्याय की उम्मीद में दिन-रात गुजार रहे हैं, जबकि उनकी आंखों से बहता दर्द यह बता रहा है कि एक परिवार ने अपनी दुनिया खो दी है।