Rajasthan investment summit: राजस्थान सरकार की नई औद्योगिक नीतियों से बदलेगा निवेश का परिदृश्य, लॉजिस्टिक और टेक्सटाइल नीति से जुड़े उद्यमियों को मिला मार्गदर्शन।
Industrial Investment: जयपुर। राजस्थान सरकार के उद्योग एवं वाणिज्य विभाग द्वारा "राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट" की तैयारियों के तहत सोमवार को जयपुर में एक दिवसीय औद्योगिक कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिला उद्योग केंद्र और 22 गोदाम इंडस्ट्रियल एसोसिएशन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस कार्यशाला में निवेशकों और उद्यमियों को राज्य सरकार की नवीन औद्योगिक नीतियों और योजनाओं की विस्तृत जानकारी प्रदान की गई।
कार्यशाला की अध्यक्षता जिला उद्योग केन्द्र की महाप्रबंधक शिल्पी पुरोहित ने की। अतिरिक्त आयुक्त एस.एस. शाह ने प्रतिभागियों को विभागीय योजनाओं से अवगत कराया और उनकी जिज्ञासाओं का समाधान किया। उन्होंने बताया कि इन नीतियों का उद्देश्य प्रदेश में उद्योगों के अनुकूल वातावरण तैयार करना और छोटे से लेकर बड़े निवेशकों तक को समान अवसर उपलब्ध कराना है।कार्यशाला के दौरान उपस्थित उद्यमियों को "उद्योग रजिस्ट्रेशन", "जेम पोर्टल", एनओसी प्रक्रिया, आवश्यक दस्तावेजों तथा स्टार्टअप अनुकूल प्रक्रियाओं के बारे में जानकारी दी गई। विषय विशेषज्ञों ने योजनाओं की तकनीकी और व्यावसायिक संभावनाओं के बारे में बताया।
| योजना/नीति का नाम | उद्देश्य/मुख्य विवरण |
|---|---|
| एक जिला एक उत्पाद योजना | प्रत्येक जिले की विशिष्ट उत्पादकता को बढ़ावा देना |
| एमएसएमई नीति 2024 | सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों के विकास और प्रोत्साहन के लिए नीति |
| राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना (RIPS) | निवेश को बढ़ावा देने और उद्योगिक विकास को तेज़ करने के लिए योजना |
| लॉजिस्टिक नीति 2024 | परिवहन एवं लॉजिस्टिक सुविधाओं के सुधार के लिए नीति |
| डेटा सेंटर नीति 2025 | डेटा सेंटर के विकास और संचालन को प्रोत्साहित करने के लिए नीति |
| एकीकृत क्लस्टर विकास योजना | औद्योगिक क्लस्टर का समन्वित विकास और सशक्तिकरण |
| राजस्थान निर्यात प्रोत्साहन नीति 2024 | निर्यात बढ़ाने और व्यापार को विस्तार देने के लिए नीति |
| राजस्थान टैक्सटाइल एंड एपेरल नीति 2025 | वस्त्र और परिधान उद्योग के विकास के लिए विशेष नीति |
गौरतलब है कि राजस्थान सरकार द्वारा प्रदेश के सभी जिलों में इस तरह की औद्योगिक कार्यशालाएं आयोजित की जा रही हैं, ताकि स्थानीय उद्यमियों और निवेशकों को योजनाओं की जानकारी समय रहते मिल सके और वे इनका अधिकतम लाभ उठा सकें।