उदयपुर, बीकानेर, भरतपुर, अलवर, रायपुर में सेवा प्रकल्प, अरुणाचल प्रदेश में बने परशुराम कुंड पर 54 फीट मूर्ति स्थापना भी जयंती वर्ष में होगी, दिल्ली और ऋषिकेश में भी होंगे बड़े आयोजन, शारदीय नवरात्रि से जयंती वर्ष का शुभारंभ
जयपुर। विप्र फाउंडेशन अपनी स्थापना के 15 वर्ष पूरे होने पर 2024-25 को स्फटिक जयंती वर्ष के रूप में मनाएगा। इस दौरान शारदीय नवरात्र से अगले वर्ष अनंत चतुर्दशी तक विप्र फाउंडेशन परिवार की ओर से समाजोत्थान के 11 सेवा पुष्प अर्पण किए जाएंगे।
संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष राधेश्याम शर्मा गुरुजी ने बताया कि इन सेवा पुष्पों में जयपुर में परशुराम ज्ञानपीठ का लोकार्पण, अरुणाचल प्रदेश स्थित परशुराम कुंड पर भगवान श्रीपरशुराम की 54 फुट ऊंची मूर्ति का अनावरण, तिरूपति में सुख-साधन भंडार के मुख्यालय एवं अलवर, सिलीगुड़ी और इंदौर में वितरण केंद्रों का शुभारंभ, रायपुर में सत्यनारायण सेवाश्रम का निर्माण, बीकानेर में प्रज्ञान भवन का शिलान्यास, भरतपुर में गिरिराज महाराज छात्रावास भूमि पूजन, मुंबई में रोजगार केन्द्र की स्थापना, इंद्रप्रस्थ दिल्ली में अभ्युदय उत्सव प्रकल्प, गोनेर में सर्वसमाज जनेऊ संस्कार पर्व एवं ऋषिकेश में विप्र जयघोष कार्यक्रम होंगे। इस कड़ी में सबसे पहले 4 अक्टूबर को तिरूपति में सुख-साधन भंडार के मुख्यालय का शुभारंभ होगा।
उन्होंने बताया कि सूरत में विप्र गौरव भवन के विस्तार के बाद अब कोलकाता मुख्यालय केशर कुंज तथा उदयपुर में विप्र कॉलेज परिसर को भी और अधिक उपयोगी बनाने की दिशा में कदम उठाए जाएंगे।
उन्नत समाज-समर्थ राष्ट्र ध्येय
विफा केंद्रीय प्रकल्प समिति के चेयरमैन महावीर प्रसाद शर्मा ने इन समाजोत्थान के कार्यों को अब तक की सबसे वृहद् सेवा श्रृंखला बताते हुए कहा कि हमारे स्फटिक जैसे उज्ज्वल व पारदर्शी साथी कार्यकर्ताओं की कर्मनिष्ठा ने हमें ऐसी विराट कर्मसूची के लिए प्रोत्साहित किया है। इन सेवा कार्यों को करने के पीछे संस्था का ध्येय उन्नत समाज-समर्थ राष्ट्र प्रमुख रूप से हैं। विप्र फाउंडेशन जोन-1 जयपुर के अध्यक्ष राजेश कर्नल ने समाजजनों से इस सेवा महा-अभियानों में सहयोग का आह्वान किया।