राजस्थान पत्रिका के ‘स्वच्छता का संस्कार’ अभियान के अंतर्गत मंगलवार को हवामहल के सामने एक प्रभावशाली नुक्कड़ नाटक का मंचन किया गया। रंगकर्मियों ने अचानक आमजन की भीड़ में शामिल होकर नाटक की शुरुआत की, जिससे वहां मौजूद पर्यटक और स्थानीय लोग चौंक तो गए, लेकिन कुछ ही पलों में पूरे दृश्य में डूब गए।
Swachhata Ka Sanskar: राजस्थान पत्रिका के ‘स्वच्छता का संस्कार’ अभियान के अंतर्गत मंगलवार को हवामहल के सामने एक प्रभावशाली नुक्कड़ नाटक का मंचन किया गया। रंगकर्मियों ने अचानक आमजन की भीड़ में शामिल होकर नाटक की शुरुआत की, जिससे वहां मौजूद पर्यटक और स्थानीय लोग चौंक तो गए, लेकिन कुछ ही पलों में पूरे दृश्य में डूब गए। नाटक के जरिए यह संदेश दिया गया कि सफाई केवल नगर निगम या सफाईकर्मियों की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि यह हर नागरिक का साझा कर्तव्य है। यह प्रस्तुति ’आगाज - द अमेजिंग रंगमंच ग्रुप’ की ओर से दी गई, जिसका निर्देशन फिरोज मिर्जा ने किया।
हवामहल के सामने पर्यटक रोज की तरह मोबाइल कैमरों में फोटो और सेल्फी लेने में व्यस्त थे। तभी कलाकारों का एक दल आम नागरिकों की तरह भीड़ में शामिल हो गया। उनमें से कुछ ने मौके पर कुछ खाकर उसका कचरा वहीं फेंक दिया। तभी एक अन्य पात्र ने उन्हें टोकते हुए कचरा उठाने की बात कही, जिससे दोनों पक्षों में बहस छिड़ गई। कचरा फेंकने वालों का कहना था कि सफाई निगम की जिम्मेदारी है, लेकिन जब उन्हें शहर की विरासत, हवामहल की गरिमा और स्वच्छता के महत्व की जानकारी दी गई, तो उनका नजरिया बदल गया। नाटक के अंत में वे खुद झुककर कचरा उठाते हैं और डस्टबिन में डालते हैं। यह दृश्य दर्शकों के दिल को छू गया और तालियों की गूंज के साथ नाटक का समापन हुआ।
नाटक के अंत में कलाकारों ने दर्शकों के साथ मिलकर स्वच्छता का संदेश देती तख्तियों लहराईं। इन पर लिखे गए स्लोगन थे:
राजस्थान पत्रिका का पैगाम है खास, स्वच्छता बने हर घर की आस…
हर नागरिक का हो यही विचार, स्वच्छता ही सच्चा संस्कार…
राजस्थान पत्रिका की है यही पुकार, स्वच्छ हो जयपुर, जागरूक हो हर परिवार…
इस मंचन में फिरोज मिर्जा के साथ डॉ. बुलबुल नायक, मनन आसुदानी और खुशबू आसुदानी ने मुख्य भूमिकाएं निभाईं।