जयपुर

पत्रिका रक्षा कवच: साइबर ठगों के मकड़जाल में फंस चुके अफसर से लेकर मंत्री तक, लगाई लाखों-करोड़ों की चपत

Patrika Raksha Kavach Abhiyan: देश के लिए साइबर ठगी अब नया खतरा बन गया है। मंत्री, संतरी हो या अफसर किसी का भी डेटा सुरक्षित नहीं है। सभी साइबर ठगों के निशाने पर हैं।

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Nov 30, 2024

Patrika Raksha Kavach: जयपुर। देश के लिए साइबर ठगी अब नया खतरा बन गया है। मंत्री, संतरी हो या अफसर किसी का भी डेटा सुरक्षित नहीं है। सभी साइबर ठगों के निशाने पर हैं। स्थिति यह है कि साइबर ठगों ने देश के कई पूर्व मंत्री, विधायक व अन्य विभागों के अफसरों सहित रसूखात रखने वाले कई लोगों को ठगी के मकड़जाल में फांस लाखों-करोड़ों की चपत लगाई है। साइबर ठग सरकारी विभाग और निजी कंपनियों का डेटा चोरी करवाने भी पीछे नहीं है। इसके लिए हैकर्स को मोटी रकम देकर मदद ली जा रही है।

जयपुर एसओजी ने उदयपुर निवासी संजय सोनी को डाटा चोरी के मामले में गिरफ्तार किया। आरोपी ने महिलाओं के अंतः वस्त्र बनाने वाली एक नामी कंपनी से 15 लाख महिलाओं का निजी डेटा चुरा लिया। आरोपी ने कंपनी प्रबंधन को धमकी दी कि उसको 1500 डॉलर की रंगदारी नहीं दी तो वह महिलाओं के डेटा को इस्लामिक देशों को बेच देगा।

पूर्व मंत्री को भी नहीं बख्शा

जयपुर कमिश्नरेट के साइबर थाने में इस वर्ष अगस्त में 16 लाख रुपए की साइबर ठगी का मामला दर्ज हुआ। ठगी के शिकार जयपुर निवासी व भाजपा सरकार में मंत्री रहे अरुण चतुर्वेदी हुए। पूर्व मंत्री के चालक दल्लीराम ने 16 लाख रुपए की साइबर ठगी का साइबर थाने में मामला दर्ज करवाया।

सेवानिवृत्त आइएएस, आइपीएस से भी ठगी

राजधानी में रहने वाले सेवानिवृत्त आइएएस करण सिंह ने डिजिटल अरेस्ट की रिपोर्ट दर्ज करवाई। ठगों ने उनसे 5 लाख रुपए से अधिक रकम ठग ली। इसी तरह सेवानिवृत्त आइपीएस विजय ने भी इसी तरह 2.25 करोड़ की ठगी का मामला दर्ज करवाया। ठग उनकी रकम अन्य खातों में निकालते, इससे पहले 1.75 करोड़ रुपए फ्रीज करवाकर वापस दिलाए।

इधर, सूझबूझ से दी ठग को मात

जयपुर में पेंशनधारी बुजुर्ग राजेन्द्र कुमार के पास एक कॉल आया और पेंशन खाता अपडेट के लिए खाते की जानकारी, नाम, पता और जन्मतिथि के बारे में पूछा। उन्हें पत्रिका में लगातार साइबर क्राइम से जुड़ी खबरें पढ़ने के बाद शक हुआ और उसे जवाब दिया विभाग इस तरह कोई खाता अपडेट नहीं करता। मैं खुद बैंक सर्विस से हूं। इस पर साइबर ठग ने फोन काट दिया। ऐसे में राजेन्द्र कुमार की सूझबूझ से ठगों के इरादों पर पानी फिर गया।

देश के सरकारी विभाग, निजी कंपनियां निशाने पर

राजस्थान: पुलिस पोर्टल में सेंध

राजस्थान में साइबर ठगों ने पुलिस पोर्टल में भी सेंध लगा ली। मेवात के साइबर ठग पुलिस पोर्टल से एफआइआर डाउनलोड कर रहे थे। पीड़ित व आरोपी के मोबाइल नंबर व अन्य जानकारी लेकर उन्हें ठगी का शिकार बना रहे थे। राजस्थान में कई मामले आने के बाद पुलिस मुख्यालय ने डाउनलोड व्यवस्था बंद कर दी।

छत्तीसगढ़: वेबसाइट भी नहीं छोड़ी

छत्तीसगढ़ में साइबर ठगों पुलिस की वेबसाइट को भी नहीं छोड़ा। साइबर ठग कई लोगों को एफआइआर दर्ज होने के नाम पर धमकी देकर ब्लैकमेल कर चुके हैं। अक्सर फर्जी डॉक्यूमेंट क्रिएट करने के लिए ये इन साइट्स का सहारा लेते हैं। डिजिटल अरेस्ट के मामलों में ऐसे अनेक फर्जी दस्तावेज की तस्दीक की जा चुकी है।

मध्यप्रदेश: विदेशी कॉल से ठगी


भोपाल स्थित राज्य मंत्रालय कार्मिकों के पास अंतरराष्ट्रीय नंबर से साइबर ठग कॉल कर रहे हैं। वे सिम बंद करने की धमकी देकर भेजे गए लिंक को क्लिक करने का दबाव भी बना रहे हैं। आशंका है कि बैंक या शासन स्तर से डेटा लीक हुआ है। जो नंबर सामान्य प्रशासन विभाग के पास रजिस्टर्ड है, उसी पर 48 अलग- अलग नंबरों से कॉल आ रहे हैं।

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