जयपुर

PKC-ERCP: पहले वन्य जीवों, अभयारण्य, वन क्षेत्र पर प्रभाव की स्टडी फिर बांध बनाने की मिलेगी NOC

सूत्रों के मुताबिक शुरुआती तथ्यों के आधार पर डूब क्षेत्र से रणथम्भौर टाइगर रिजर्व और कैलादेवी वाइल्डलाइफ सेंचुरी का 2200 से 3700 हेक्टेयर हिस्सा प्रभावित होने की आशंका है।

2 min read
Aug 18, 2025
2200 से 3700 हेक्टयर हिस्सा हो सकता है प्रभावित (फोटो: पत्रिका)

Rajasthan News: राम जल सेतु लिंक परियोजना (संशोधित पीकेसी-ईआरसीपी) के तहत बनने वाले सबसे बड़े डूंगरी बांध के डूब क्षेत्र में रणथम्भौर टाइगर रिजर्व और कैलादेवी वाइल्डलाइफ सेंचुरी का बड़ा हिस्सा प्रभावित होने से जल संसाधन विभाग प्रोजेक्ट को गति नहीं दे पा रहा। विभाग ने वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया से जल्द से जल्द सर्वे कर रिपोर्ट देेने को कहा है। जिसके बाद ही साफ होगा कि वन्यजीवों, अभयारण्य और वन क्षेत्र पर कितना प्रभाव पड़ रहा है। रिपोर्ट के आधार पर ही बांध का वास्तविक एरिया तय किया जाएगा और जल संसाधन विभाग भी वन विभाग में एनओसी आवेदन के लिए योग्य होगा।

सूत्रों के मुताबिक शुरुआती तथ्यों के आधार पर डूब क्षेत्र से रणथम्भौर टाइगर रिजर्व और कैलादेवी वाइल्डलाइफ सेंचुरी का 2200 से 3700 हेक्टेयर हिस्सा प्रभावित होने की आशंका है। हालांकि अधिकारियों का दावा है कि बांध को इस तरह डिजाइन किया गया है, जिससे टाइगर रिजर्व का कम से कम एरिया आए।

ये भी पढ़ें

PKC-ERCP: राजस्थान और MP के लिए बड़ी खुशखबरी, 91.91 करोड़ की लागत से बना हाई लेवल ब्रिज; भारी बारिश में भी नहीं कटेगा संपर्क

बांध का कुल डूब क्षेत्र 12 हजार हेक्टेयर

डूंगरी बांध बनास नदी पर बनना है, जो सवाईमाधोपुर जिले में है। यह हिस्सा रणथम्भौर और कैलादेवी वाइल्डलाइफ सेंचुरी के दोनों की पहाड़ियों के बीच है। बनास नदी का कुछ हिस्सा भी रणथम्भौर टाइगर रिजर्व में आ रहा है। बांध का कुल डूब क्षेत्र करीब 12000 हेक्टेयर है। बांध की क्षमता 1600 मिलियन क्यूबिक मीटर रखना प्रस्तावित है, जो बीसलपुर बांध से डेढ़ गुना से ज्यादा है। नदी से बांध की ऊंचाई 24.50 मीटर रहेगी और 1500 मीटर लंबाई होगी। बीसलपुर बांध छलकने के बाद पानी डूंगरी बांध आएगा।

डूब क्षेत्र में 8 से 10 हजार आबादी वाले 35 गांव

बांध के डूब क्षेत्र में 35 गांव भी आ रहे हैं, जहां 8 से 10 हजार आबादी बताई जा रही है। इसके लिए जमीन अवाप्ति और प्रभावितों के पुनर्वास के लिए प्रक्रिया चल रही है। मोरेल नदी भी इसमें मिल रही है, जिसका कुछ हिस्सा डूब क्षेत्र में आएगा।

ये भी पढ़ें

PKC-ERCP व यमुना जल परियोजना को पूरा करने का समय तय, एक्शन मोड में सीएम भजनलाल

Updated on:
18 Aug 2025 02:19 pm
Published on:
18 Aug 2025 02:18 pm
Also Read
View All

अगली खबर