जयपुर

बदलाव की तैयारी तेज… सभ्यता, संस्कृति, सनातन के साथ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस भी पढ़ेंगे बच्चे

स्कूली पाठ्यक्रम में बदलाव करने की तैयारी तेज हो गई है। राज्य सरकार की ओर से गठित पाठ्यक्रम संशोधन समिति ने इस पर काम शुरू कर दिया है। पाठ्यक्रम बदलाव के तहत अब पुस्तकों में भारतीय सभ्यता, संस्कृति, सनातन धर्म को बढ़ावा देने वाली अध्यायों को जोड़ा जाएगा। स्कूल विद्यार्थियों को नई तकनीक से जोड़ने […]

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Nov 28, 2024
गांधीनगर स्थित महात्मा गांधी स्कूल।

स्कूली पाठ्यक्रम में बदलाव करने की तैयारी तेज हो गई है। राज्य सरकार की ओर से गठित पाठ्यक्रम संशोधन समिति ने इस पर काम शुरू कर दिया है। पाठ्यक्रम बदलाव के तहत अब पुस्तकों में भारतीय सभ्यता, संस्कृति, सनातन धर्म को बढ़ावा देने वाली अध्यायों को जोड़ा जाएगा। स्कूल विद्यार्थियों को नई तकनीक से जोड़ने के लिए भी नए अध्याय शामिल किए जाएंगे। समयानुकूल विद्यार्थियों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ), आइटी, उद्यमिता सहित अन्य पढ़ाई भी कराई जाएगी। पाठ्यक्रम में भारतीय खान-पान से भी रूबरू कराया जाएगा। पाठ्यक्रम में वे अध्याय जोड़े जाएंगे, जिससे छात्रों में देशभक्ति की भावना जागृत हो सके। हाल ही पाठ्यक्रम संशोधन समिति की बैठक में इन बदलावों पर निर्णय लिया गया है। यह बदलाव कक्षा एक से 12 वीं तक किया जाएगा। कक्षा एक से पांचवीं तक बदलाव सौ फीसदी होगा, लेकिन छह से 12 वीं तक आंशिक होगा।

जहां जरूरत होगी वहां परिवर्तन

पाठ्यक्रम बदलाव समिति के चेयरमैन प्रोफेसर कैलाश सोडानी ने बताया कि आज जो पाठ्यक्रम हमारे बच्चे पढ़ रहे हैं वह युवाओं को राष्ट्रभक्ति के लिए उतना प्रेरित नहीं कर रहा। इसीलिए अब समिति के सदस्यों के साथ चर्चा कर हमारे पाठ्यक्रम में जो भी आवश्यक जरूरत है उनमें बदलाव करेंगे। उन्होंने कहा कि छात्रों की वर्तमान समय की जरूरत देखते हुए पाठ्यक्रम में बदलाव करेंगे हालांकि पाठ्यक्रम में 20 फीसदी तक बदलाव होगा। वर्तमान समय में देश की जरूरत को ध्यान में रखते हुए बदलाव किया जाएगा।

100 शिक्षकों को दी जिम्मेदारी

प्रो.सोडाणी ने कहा कि पुस्तक लेखन के लिए 100 लेखकों की सूची बनाई है। दिसम्बर तक हम सरकार को रिपोर्ट सौंपेंगे। इसमें पाठ्यक्रम में लोक कल्याण, संस्कृति, डिजिटल, साइबर, कंप्यूटर ज्ञान सहित अन्य बिंदु शामिल किए जाएंगे। चयनित लेखकों को राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान (एसआइईआरटी) उदयपुर बुलाकर पुस्तकें तैयार कराएंगे। ताकि जुलाई तक नए पाठ्यक्रम की किताबें प्रिंट होकर विद्यार्थियों तक पहुंच जाएं। पहली से पांचवीं कक्षा तक पाठ्यक्रम में शत-प्रतिशत बदलाव किया जा सकता है।

सभी किताबों का बारीकी से अध्ययन किया जा रहा है और अध्ययन के बाद जल्द ही जो चीज निकल कर आएगी जो तथ्य बच्चों को नहीं पढ़ना चाहिए उन सबको हटा दिया जाएगा। इधर, शैक्षणिक अनुसंधान की बैठक लेकर अनुसंधान के अधिकारियों को निर्देश भी दिए हैं।

सतीश गुप्ता, ओएसडी, शिक्षा मंत्री एवं समिति विशेष सदस्य

Updated on:
28 Nov 2024 06:30 pm
Published on:
28 Nov 2024 06:29 pm
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