भाजपा प्रदेश प्रभारी राधा मोहन दास अग्रवाल ने कांग्रेस के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि पार्टी चाहती तो प्रशासनिक प्रभाव से चुनाव जीत सकती थी, लेकिन भाजपा ने निष्पक्षता को प्राथमिकता दी।
जयपुर। अंता उपचुनाव के नतीजों के बाद सियासी बयानबाजी का दौर जारी है। इसी बीच भाजपा के प्रदेश प्रभारी राधा मोहन दास अग्रवाल ने कहा कि दिल्ली और राजस्थान में भाजपा की सरकार है, ऐसे में यदि पार्टी चाहती तो प्रशासनिक प्रभाव, राजनीतिक दबाव या मतदाता सूची में हस्तक्षेप के जरिए अंता चुनाव को अपने पक्ष में मोड़ सकती थी, लेकिन भाजपा ने लोकतांत्रिक मर्यादाओं और जनभावनाओं को सर्वोपरि रखते हुए पूरी निष्पक्षता से चुनाव लड़ा।
अग्रवाल ने कहा कि भाजपा कभी चुनाव आयोग की प्रक्रिया में दखल नहीं देती। छह महीने पहले से उपचुनाव तय था, लेकिन चुनाव को नियंत्रित करने का सवाल ही पैदा नहीं होता। उन्होंने कहा कि यदि भाजपा चुनाव आयोग को हाईजैक करती तो अंता में वह उपचुनाव जीत चुकी होती।
उन्होंने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि जो लोग 'वोट चोरी' का आरोप लगा रहे हैं, उन्हें बिहार की जनता ने ही करारा जवाब दिया है। अग्रवाल ने कहा कि कांग्रेस की हालत लगातार बिगड़ रही है और आरोपों के सहारे राजनीतिक जमीन बचाने की कोशिश की जा रही है।
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पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के 'चुनाव आयोग हाईजैक' वाले बयान पर भी अग्रवाल ने तीखा पलटवार किया। उन्होंने कहा कि गहलोत अपनी घटती राजनीतिक प्रासंगिकता को बचाने के लिए ऐसे बयान दे रहे हैं। भाजपा प्रभारी ने दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जनता के बीच विश्वास का गहरा रिश्ता है और यही कारण है कि देशभर में भाजपा को व्यापक समर्थन मिलता है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने 65 साल तक 'गरीबी हटाओ' के नाम पर जनता को छलने का काम किया, जबकि आज वह खुद सिमटती जा रही है।
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अग्रवाल ने एसआईआर को लेकर कांग्रेस के आरोपों को भी खारिज किया। उन्होंने कहा कि एसआईआर चुनाव आयोग की पारदर्शी प्रक्रिया का हिस्सा है और इसे बूथ लेवल ऑफिसर ही जमीन पर लागू करते हैं। अग्रवाल ने कहा कि कांग्रेस अपनी हार का ठीकरा एसआईआर पर फोड़ने की कोशिश कर रही है, क्योंकि उसकी राजनीति लगातार सिकुड़ती जा रही है।
अग्रवाल ने स्वीकार किया कि चुनाव में हार-जीत राजनीति का स्वाभाविक हिस्सा है। उन्होंने कहा कि भाजपा कई चुनाव जीतती है और कभी-कभार विपक्ष को जीतने का मौका मिल भी जाए, तो इससे लोकतांत्रिक परंपरा ही मजबूत होती है।