एसएमएस अस्पताल की तर्ज पर जयपुर शहर के जेके लोन अस्पताल परिसर में 74 करोड़ रुपए लागत से 11 मंजिला आइपीडी टावर बनाने की कवायद शुरू हो रही है। वहीं कांवटिया अस्पताल में ट्रोमा सेंटर विकसित करने का खाका तैयार किया जा रहा है
JK Lon Hospital Jaipur: जयपुर शहर के लोगों के लिए एक खुशखबर है। बच्चों के इलाज के लिए लोगों को अब नहीं भटकना पड़ेगा क्योंकि अब एसएमएस अस्पताल की तर्ज पर शहर के जेके लोन अस्पताल परिसर में 74 करोड़ रुपए लागत से 11 मंजिला आइपीडी टावर बनाने की कवायद शुरू हो रही है। अस्पताल में सुविधाओं में बढ़ोतरी के साथ ही बेड की कमी दूर करने के लिए IPD टावर बनाए जाने की तैयारी चल रही है। आइपीडी टावर बनने से अस्पताल में 500 बेड करने की तैयारी है। वहीं कांवटिया अस्पताल में ट्रोमा सेंटर विकसित करने का खाका तैयार किया जा रहा है।
जेके लोन अस्पताल की ओपीडी में राजस्थान सहित विभिन्न राज्यों से सालाना 5 लाख से ज्यादा बच्चे इलाज के लिए पहुंचते हैं, जिनमें से 60 हजार से अधिक को भर्ती किया जाता है। इस वजह से यहां हमेशा बेड की कमी बनी रहती है। इसके अलावा एमआरआइ जांच की सुविधा भी उपलब्ध नहीं है, जिसके लिए मरीजों को एसएमएस अस्पताल भेजना पड़ता है। इसे देखते हुए सरकार ने पिछले बजट में अस्पताल में 100 बेड बढ़ाने की घोषणा की थी, जिसे अब बढ़ाकर 500 बेड करने की तैयारी है। योजना सरकार को भेज दी गई है। प्रस्ताव के अनुसार अस्पताल में कुल 11 मंजिला IPD टावर बनाया जाएगा, जिसमें तीन मंजिला बेसमेंट पार्किंग और आठ मंजिला भवन में वार्ड होंगे। प्रत्येक बेड पर ऑक्सीजन की सुविधा होगी। एक फ्लोर पर ब्लड बैंक, लैब, MRI और अन्य जांच सुविधाएं विकसित करने का प्रस्ताव है। टावर के निर्माण पर 74 करोड़ रुपए खर्च होंगे।
चिकित्सकों के अनुसार सीजनल बीमारियों के दौरान अस्पताल में बेड की भारी कमी हो जाती है। कई बार गंभीर मरीज को भी बेड मिलने में देर होती है। जनरल वार्ड में एक बेड पर दो या तीन मरीज तक देखे जाते हैं। ऐसे में आइपीडी टावर के निर्माण के बाद बेड़ बढ़ाए जाने पर यह समस्या काफी हद तक समाप्त हो जाएगी।
जेके लोन अस्पताल में आइपीडी टावर बनाने का मुद्दा राजस्थान पत्रिका ने उठाया था। इसके बाद सरकार ने इस दिशा में पहल की। बताया जा रहा है कि फाइल वित्त विभाग में भेजी जा रही है। स्वीकृति मिलते ही निर्माण कार्य शुरू होगा।
जेके लोन अस्पताल में आइपीडी टावर की जरूरत है। इसके लिए फाइल भेज दी गई है। स्वीकृति मिलते ही काम शुरू कर दिया जाएगा। कांवटिया अस्पताल में भी ट्रोमा सेंटर बनाया जाएगा। योजना तैयार की जा रही है। दोनों सौगात बेहद उपयोगी साबित होंगी। संभवत: ये नई सुविधाएं नए साल में मिल जाएंगी। डॉ. दीपक माहेश्वरी, प्राचार्य, एसएमएस मेडिकल कॉलेज