जयपुर

राजस्थान के 14 जिलों के बिजली उपभोक्ताओं के लिए अच्छी योजना, पर जनता को कैसे मिलेगी राहत, यह है बड़ी परेशानी

Jaipur Discom : राजस्थान के 14 जिलों के बिजली उपभोक्ताओं के लिए अच्छी योजना। 14 जिलों में 487 करोड़ रुपए में फॉल्ट सुधारने का काम एक ही टीम को दिया गया है। जनता को कैसे मिलेगी पूरी राहत। पढ़ें पूरी खबर।

2 min read
पत्रिका फोटो

Jaipur Discom : जयपुर समेत प्रदेश के 14 जिलों में बिजली के फॉल्ट, ट्रिपिंग व अन्य तकनीकी समस्या दूर करने के लिए पहली बार लो-टेंशन (एलटी) के साथ हाइटेंशन (एचटी) बिजली तंत्र को सुधारने का जिम्मा एक ही टीम को दिया गया है। परेशानी यह है कि न तो एफआरटी (फॉल्ट रेक्टिफिकेशन टीम) के लिए अतिरिक्त वाहन बढ़ाए गए और न ही अपेक्षित तकनीकी कर्मचारी।

करीब 487 करोड़ रुपए में अनुबंध पर दिए गए काम में एचटी लाइन फॉल्ट के अतिरिक्त काम के लिए टीम में केवल एक कर्मचारी बढ़ाया गया। इससे लोगों को तत्काल राहत देने का जयपुर डिस्कॉम प्रबंधन का मकसद पूरा नहीं हो पाएगा। फील्ड इंजीनियर सीधे तो प्रबंधन को कुछ नहीं कह पा रहे, लेकिन उच्चाधिकारियों तक परेशानी की जानकारी पहुंचा दी है।

ये भी पढ़ें

राजस्थान के बिजली उपभोक्ताओं के लिए अच्छी खबर, अब बाधा रहित होगी घरेलू बिजली आपूर्ति

एक कर्मचारी पर 97500 रुपए बढ़ाए

पहले एक एफआरटी टीम के लिए हर माह 201500 रुपए भुगतान किया जा रहा था, अब एक कर्मचारी बढ़ाया गया है और इसके लिए अतिरिक्त 97500 रुपए बढ़ाए गए। इसमें एचटी लाइन का काम भी शामिल है।

फैक्ट फाइल

487
करोड़ में फॉल्ट-ट्रिपिंग सुधारेंगे।
340
एफआरटी वाहन किए गए शामिल।
5100
कर्मचारी सक्रिय रहेंगे राउंड-द-क्लॉक।
04
साल के लिए दी गई कंपनी को जिम्मेदारी।

यह दिक्कत, जिसका समाधान जरूरी…

1- अभी तक एलटी लाइन के लिए भी एक वाहन था और अब एचटी लाइन का काम जोड़ने के बाद भी एक ही वाहन रखा गया। यदि एक ही समय एलटी और एचटी लाइन में फॉल्ट हो जाए तो एक ही टीम कहां जाएगी। ऐसे में डिस्कॉम के इंजीनियरों को ही दौड़ना पड़ेगा, क्योंकि बिजली सप्लाई तुरंत शुरू करने का दबाव रहेगा।

2- टीम के पास 11 केवी लाइन के फॉल्ट सुधारने की जिम्मेदारी होगी। 33 केवी से जुड़ा काम डिस्कॉम को ही करना होगा।

समय बचाने का इंतजाम, पर वह भी नहीं

1- कॉल सेंटर से एफआरटी टीम को शिकायत मोबाइल एप के जरिए ट्रांसफर की जानी होती है, जिससे तत्काल शिकायत पहुंचे और फॉल्ट ठीक करने का समय घटे।
2- एफआरटी टीम को भी एप के माध्यम से ही पालना की जानकारी देनी होती है। लेकिन, पिछले ज्यादातर मामलों में मैन्युअल ही शिकायत फॉरवर्ड की जाती रही है।

ये भी पढ़ें

Ajmer Discom : राजस्थान में बिजली उपभोक्ताओं के लिए नई व्यवस्था, डूंगरपुर में लगेंगे ‘स्मार्ट मीटर’

Updated on:
10 Jul 2025 08:24 am
Published on:
10 Jul 2025 08:23 am
Also Read
View All

अगली खबर