बीकानेर के नोखा का अजीबोगरीब मामला है। यहां के सरकारी स्कूल में उड़नदस्ते ने छापा मारा। जैसे ही स्कूल के क्लास रूम का दरवाजा खोला, वहां की स्थिति देखकर अफसरों के होश उड़ गया। शिक्षिका को तुरंत तलब कर नोटिस पकड़ा दिया। पूरा मामला जानें।
सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के समय पर नहीं पहुंचने की शिकायतें अक्सर सुनने को मिलती रहती हैं, लेकिन कई दिनों तक शिक्षक स्कूल में नहीं जाए, स्कूल बंद रहे और कक्षा कक्ष में मजदूर ठहरे हों। वहां पढ़ने आने वाले बच्चे स्कूल में खेलकर वापस अपने घरों को चले जाते हों। ऐसा ही बीकानेर के नोखा के राजकीय प्राथमिक विद्यालय जगराम की ढ़ाणी रोड़ा में देखने को मिला। यहां के सरकारी स्कूल में उड़नदस्ते ने छापा मारा। जैसे ही स्कूल के क्लास रूम का दरवाजा खोला, वहां की स्थिति देखकर अफसरों के होश उड़ गया।
सोमवार को मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी (सीबीईओ) माया बजाड़ और विद्यालय संबलन एवं राजस्थान शिक्षा में बढ़ते कदम आकलन उड़नदस्ते ने स्कूल का निरीक्षण किया, तो यह हकीकत देखने को मिली। ग्रामीणों ने बताया कि काफी दिनों से स्कूल में अध्यापक नहीं आया। विद्यालय के कमरों में मजदूर ठहरे हैं। निरीक्षण की सूचना पर अध्यापिका मोहनी कुमारी विद्यालय पहुंची। उनसे विद्यालय रेकॉर्ड एवं परीक्षा संबंधी दस्तावेज मांगने पर अपने बैग से उपस्थिति रजिस्टर सहित अन्य दस्तावेज दिए, जिसे टीम ने जब्त कर लिए। सीबीईओ ने शिक्षिका को शिक्षा के अधिकार अधिनियम की अवहेलना करने, बच्चों को शिक्षा से वंचित रखने एवं कार्य के प्रति लापरवाही बरतने पर नोटिस जारी किया। इस संबंध में पंचायत प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी रोड़ा को परीक्षा की वैकल्पिक व्यवस्था के लिए पाबंद किया गया।
यह भी पढ़ें -