Mla Bahadur Singh Koli: भरतपुर में वैर विधायक बहादुर सिंह कोली की तबीयत बिगड़ गई। सीने में दर्द और सांस की तकलीफ पर उन्हें आरबीएम अस्पताल ले जाया गया, जहां गंभीर स्थिति देखते हुए जयपुर एसएमएस अस्पताल रेफर किया गया।
Bjp Mla Bahadur Singh Koli Heart Attack: भरतपुर: वैर विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी विधायक बहादुर सिंह कोली की तबीयत बुधवार देर रात अचानक खराब हो गई। सीने में तेज दर्द और सांस लेने में तकलीफ महसूस होने के बाद परिजन और समर्थक उन्हें तुरंत राजकीय आरबीएम अस्पताल लेकर पहुंचे।
बता दें कि चिकित्सकों ने प्राथमिक जांच में हार्ट से जुड़ी दिक्कत की आशंका जताई और उनकी हालत को गंभीर देखते हुए तत्काल जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल रेफर कर दिया। देर रात उन्हें एंबुलेंस से जयपुर लाकर आईसीयू में भर्ती किया गया। जहां विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम उनके स्वास्थ्य पर निगरानी रखे हुए है।
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विधायक कोली पूरे दिन अपने विधानसभा क्षेत्र के दौरे पर थे। स्थानीय लोगों और कार्यकर्ताओं से मुलाकात के बाद वे देर शाम घर लौटे थे। वहीं, घर पहुंचने के कुछ समय बाद ही उन्हें सीने में दर्द महसूस हुआ, जिसके बाद उन्हें भरतपुर आरबीएम अस्पताल दाखिल कराया गया। आरबीएम अस्पताल के प्रमुख डॉ. नरेंद्र भदौरिया ने बताया, हार्ट संबंधी समस्या और हालत नाजुक होने के कारण उन्हें तुरंत उच्च स्तरीय इलाज के लिए जयपुर रेफर करना पड़ा।
बहादुर सिंह कोली भरतपुर जिले की वैर सीट से बीजेपी विधायक हैं और राज्य की राजनीति में एक अनुभवी चेहरा माने जाते हैं। वे पहले भी दो बार विधायक रह चुके हैं। साल 2003 और 2008 में लगातार जीत दर्ज की थी। इसके अलावा वे दो बार लोकसभा सांसद भी रह चुके हैं। 2014 के लोकसभा चुनाव में भी उन्होंने जीत हासिल कर दूसरी बार संसद पहुंचे थे।
साल 2023 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने उन्हें एक बार फिर वैर से उम्मीदवार बनाया, जहां उन्होंने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और तत्कालीन कैबिनेट मंत्री भजनलाल जाटव को करीब सात हजार मतों के अंतर से शिकस्त दी। कोली मूल रूप से नदबई क्षेत्र के कबई गांव के रहने वाले हैं।
विधायक की तबीयत बिगड़ने की खबर फैलते ही कार्यकर्ताओं और समर्थकों में चिंता बढ़ गई। कई नेता और कार्यकर्ता जयपुर एसएमएस अस्पताल पहुंचकर उनके स्वास्थ्य की जानकारी ले रहे हैं।
करीब दो महीने पहले 13 अक्टूबर को विधायक के बेटे विजेंद्र कोली (42) को भी हार्ट अटैक (कार्डियक अरेस्ट) आया था। विजेंद्र खुद स्कॉर्पियो ड्राइव कर भरतपुर से जयपुर के एक प्राइवेट हॉस्पिटल पहुंच गए थे। उन्हें 2 दिन में दो बार मेजर हार्ट अटैक आया था।