Rajasthan Politics: बजट सत्र से पहले बीजेपी विधायकों की नाराजगी दूर करने की कवायद शुरू हो गई है। सीएम भजनलाल शर्मा तीन दिन फीडबैक तक लेंगे।
Rajasthan Politics: राजस्थान में विधानसभा का बजट सत्र शुरू होने से पहले मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा विधायकों से फीडबैक लेने की कवायद में जुट गए हैं। मुख्यमंत्री आवास (CMR) में तीन दिन तक चलने वाले इस फीडबैक कार्यक्रम में संभागवार बीजेपी विधायकों से चर्चा की जाएगी। सूत्रों के मुताबिक यह निर्णय विधायकों की नाराजगी दूर करने और आगामी सत्र में सरकार को मजबूत करने के लिए लिया गया है।
बताया जा रहा है कि सीएम भजनलाल शर्मा व्यक्तिगत रूप से विधायकों से उनकी समस्याओं, नाराजगी और क्षेत्रीय मुद्दों को समझने का प्रयास करेंगे। क्योंकि कई विधायक कई बार सार्वजनिक रूप से सरकार को लेकर नाराजगी जता चुके हैं।
बता दें, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा शनिवार से इस कार्यक्रम की शुरुआत करेंगे। पहले दिन कोटा संभाग के विधायकों से फीडबैक लिया जाएगा। रविवार को जोधपुर, उदयपुर और भरतपुर संभाग के विधायक मुख्यमंत्री से मिलेंगे, जबकि सोमवार को अजमेर, बीकानेर और जयपुर संभाग के विधायकों के साथ चर्चा होगी।
बताते चलें कि पिछले विधानसभा सत्र के दौरान और कई मौकों पर कई बीजेपी विधायक सरकार के प्रति अपनी नाराजगी जता चुके हैं। किरोड़ी लाल मीणा लगातार सरकार पर हमला करते रहे हैं। बांदीकुई विधायक भागचंद टाकड़ा ने वन विभाग पर चौथ वसूली के आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा था कि वनकर्मी उनके क्षेत्र में ट्रैक्टर मालिकों से रिश्वत वसूल रहे हैं।
लालसोट विधायक रामबिलास मीणा ने यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा था कि उनके क्षेत्र में लंबे समय से जेईएन-एईएन के पद खाली पड़े हैं, लेकिन बार-बार अनुरोध करने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई।
सूत्रों के मुताबकि मुख्यमंत्री का यह प्रयास विधायकों की नाराजगी दूर कर उनके क्षेत्रों में विकास कार्यों में तेजी लाने की दिशा में है। पिछले सत्र में विधायकों की असंतोष भरी आवाजों ने सरकार के लिए चुनौती खड़ी की थी। इस बार सीएम भजनलाल शर्मा कोई मौका नहीं छोड़ना चाहते और चाहते हैं कि विधायकों का समर्थन और सहयोग पूरी तरह से उनकी सरकार के साथ हो।
अभी तक जानकारी के मुताबकि इस फीडबैक कार्यक्रम में विधायकों के क्षेत्रीय मुद्दों को प्राथमिकता देना, विकास कार्यों की समीक्षा और लंबित प्रोजेक्ट्स को पूरा करना, नाराज विधायकों की समस्याओं का समाधान निकालना और आगामी बजट सत्र में सरकार को विपक्ष के सामने मजबूत स्थिति में पेश करना चर्चा के मुख्य विषय होंगे।