दिल्ली ब्लास्ट की घटना के बाद साइबर अपराधी सक्रिय हो गए हैं और लोगों को फोन कर यह कह रहे हैं कि उनके मोबाइल या आधार नंबर का इस्तेमाल ब्लास्ट में हुआ है।
जयपुर. दिल्ली ब्लास्ट की घटना के बाद साइबर अपराधी सक्रिय हो गए हैं और लोगों को फोन कर यह कह रहे हैं कि उनके मोबाइल या आधार नंबर ब्लास्ट की घटना से जुड़े हैं। साइबर ठग खुद को पुलिस अधिकारी बताकर लोगों को धमका रहे हैं और फिर कार्रवाई से बचाने के बहाने पैसों की मांग कर रहे हैं। राजस्थान पुलिस की साइबर क्राइम शाखा ने नागरिकों को साइबर ठगी से बचाव को लेकर अलर्ट जारी किया है।
डीआइजी साइबर क्राइम विकास शर्मा ने बताया कि साइबर अपराधी पहले पीड़ित को डराते हैं और फिर अपने कथित वरिष्ठ अधिकारी से बात कराने का नाटक करते हैं। इस प्रक्रिया में वे व्यक्ति को मानसिक रूप से दबाव में ले आते हैं। इसके बाद वे पीड़ित से उसकी व्यक्तिगत जानकारी, बैंक या यूपीआइ विवरण मांगते हैं, या फिर वीडियो कॉल पर वेरिफिकेशन के नाम पर धमकाकर धनराशि ऐंठते हैं। यह तरीका लोगों में डर पैदा करके उन्हें जल्दबाजी में संवेदनशील जानकारी साझा करने के लिए मजबूर करता है।
उन्होने बताया कि राजस्थान पुलिस आमजन को सलाह देती है कि इस तरह की कोई भी कॉल आने पर बिल्कुल न घबराएं। किसी अनजान व्यक्ति को पुलिस अधिकारी बताकर कॉल करने पर अपनी व्यक्तिगत, बैंक, आधार या अन्य संवेदनशील जानकारी साझा न करें। किसी संदिग्ध लिंक, एसएमएस या वाट्सऐप संदेश पर क्लिक न करें।
अगर इस तरह की कोई संदिग्ध कॉल मिले तो तुरंत नजदीकी पुलिस स्टेशन, डायल 112 या साइबर हेल्प डेस्क से संपर्क करें। इसके अलावा शिकायत साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल https:// cybercrime. gov. in पर दर्ज कराई जा सकती है। त्वरित सहायता के लिए राष्ट्रीय साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 या साइबर हेल्पडेस्क नंबर 9256001930/ 9257510100 पर संपर्क करें।