अब पाकिस्तान की आइएसआइ ने जासूसी का नया हथकंडा अपनाया है। राजस्थान में पाक सीमा पर ड्रग्स नेटवर्क से जुड़े तस्करों के जरिए नशे के शिकार भारतीयों से सेना की गतिविधियों और संवेदनशील ठिकानों की जानकारी निकलवाई जा रही है।
जयपुर। हनीट्रैप मॉड्यूल के बाद अब पाकिस्तान की आइएसआइ ने जासूसी का नया हथकंडा अपनाया है। ड्रग्स नेटवर्क से जुड़े तस्करों के जरिए नशे के शिकार भारतीयों से सेना की गतिविधियों और संवेदनशील ठिकानों की जानकारी निकलवाई जा रही है, ताकि रणनीतिक सूचनाएं आसानी से पाकिस्तान तक पहुंचाई जा सकें। तस्कर नशेड़ियों को मोटी रकम का लालच देते हैं और कई बार नशे की खेप के बदले भी जानकारी मांगते हैं।
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हाल ही में पकड़े गए एक जासूस ने जांच एजेंसियों को बताया कि पंजाब के कुछ तस्कर पाकिस्तान के हैंडलर्स से संपर्क में हैं और नशेड़ियों के जरिए सेना की गतिविधियों, संवेदनशील इलाकों में मूवमेंट, यहां तक कि फाइबर केबल जंक्शन बॉक्स तक की जानकारी हासिल कर रहे हैं। पाकिस्तान भारतीय सीमा में इग्स उपलब्ध करवाने के बदले भारतीय तस्करों से पैसे लेने के बजाय उनसे जासूसी करवा रहा है। बदले में तस्कर नशा करने वालों को पैसे का प्रलोभन देकर उनसे सूचनाएं इकठ्ठा करते हैं, ताकि नशा खरीदने के लिए उन्हें धन की कमी न रहे।
इंटेलिजेंस सूत्रों के मुताबिक, पकड़े गए जाससू बादल का तस्करों ने नशा करने वाले बादल को पाकिस्तानी पुरुष हैंडलर्स से संपर्क करवाया। 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद पहली बार पाक हैंडलर्स ने भारतीय सेना के सामरिक क्षेत्र में बिछाई गई फाइबर-केबल के जंक्शन बॉक्स की तस्वीर मांगी, ताकि युद्ध की स्थिति में इस केबल को नुकसान पहुंचाकर भारतीय सेना का संचार तंत्र बाधित किया जा सके।
भारतीय सुरक्षा एजेंसियों ने पहले भी पाकिस्तानी साजिशों को शुरुआती स्तर पर नाकाम किया है। अब ड्रोन गतिविधियों की पहचान के लिए हाई-टेक रडार, सेंसर और गश्ती व्यवस्था को और मजबूत किया गया है। सुरक्षा एजेंसियां ड्रग तस्करों के साथ नशेड़ियों के गठजोड़ पर भी पैनी निगाहें जमाए हुए है।
इंटेलिजेंस सूत्रों के अनुसार, पंजाब के फिरोजपुर निवासी गिरफ्तार जासूस प्रकाश सिंह उर्फ बादल को तस्करों से करीब 4 लाख रुपए मिलने की जानकारी मिली है, हालांकि रकम इससे अधिक होने की भी आशंका है।