राजस्थान में पहली हाईटेक सिटी बनाने की तैयारी की जा रही है। पर इस घोषणा के बाद यह योजना अटक गई है। वजह जानकर दंग रह जाएंगे।
राजस्थान प्रदेश की पहली हाईटेक सिटी की घोषणा जमीन की तलाश में अटक गई है। सरकार ने नगरीय विकास विभाग से 15 दिन में पूरा प्लान मांगा था, लेकिन अब तक प्लान तो दूर जमीन तक तलाशी नहीं जा सकी है। जेडीए को अब तक जयपुर में एक जगह इतनी बड़ी जमीन नहीं मिल पाई, जहां हाईटेक सिटी बनाई जा सके। अफसरों के अधूरे होमवर्क पर सरकार के आला अधिकारी नाराज हैं। सूत्रों के मुताबिक इस मामले में जल्द ही मुख्य सचिव स्तर पर बैठक होगी, जिसमें जमीन से लेकर हाईटेक सिटी के डिजाइन पर मंथन होगा।
इसके लिए भी अफसरों को शहर के ऐसे क्षेत्र बताने होंगे, जहां सिटी बसाने की संभावना हो सकती है। इसलिए अब फागी रोड, टोंक रोड और दिल्ली रोड की दिशा में भूमि देखी जा रही है। नगरीय विकास विभाग के प्रमुख शासन सचिव टी. रविकांत अभी लोकसभा चुनाव में ड्यूटी के कारण दूसरे राज्य में है और दो-तीन दिन में जयपुर लौटेंगे। इसी सप्ताह बैठक हो सकती है। गौरतलब है कि हाईटेक सिटी की घोषणा बजट में की गई थी।
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यदि जरूरत के अनुरूप एक साथ सरकारी जमीन नहीं मिल पाती है तो निजी भूमि अवाप्त करनी होगी। हालांकि, अफसरों का तर्क है कि भूमि अवाप्ति में समय लग सकता है। इसलिए मुआवजे के तौर पर जमीन के बदले जमीन देने की नीति के तहत भी काम किया जा सकता है, लेकिन अभी इस पर रोक लगी हुई है।
गिफ्ट सिटी- अहमदाबाद 3365 हेक्टेयर में बनी है। यहां 67 प्रतिशत हिस्सा कॉमर्शियल गतिविधि के लिए, 22 प्रतिशत आवासीय और 11 प्रतिशत सामाजिक-मनोरंजन गतिविधियों के लिए आरक्षित किया गया। अभी तक करीब तीन सौ कंपनियां यहां आई हैं। रोजगार के अवसर तेजी से बढ़ रहे हैं। वॉक-टू वर्क थीम पर प्लानिंग की गई है। यहां एम्यूजमेंट पार्क, वाटर स्पोर्ट्स जैसी गतिविधि भी है।
साइबराबाद- हैदराबाद का साइबराबाद देश के प्रमुख आईटी केन्द्रों में से एक है। इसने हैदराबाद शहर के आर्थिक विकास में प्रमुख भूमिका निभाई है। यहां गूगल, अमेजन जैसी कई विदेशी बड़ी आईटी कंपनियां हैं।
ग्लोबल सिटी- गुरुग्राम में ग्लोबल सिटी बनाई जा रही है। इसका जो खाका बनाया गया है, वो विदेश के नए शहरों को टक्कर देगा। इस योजना का भी अध्ययन करने की जरूरत है।
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