Rajasthan Illegal Mining : राजस्थान में नासूर बन चुके अवैध खनन को लेकर सरकारें कभी भी गंभीर नहीं रहीं। भीलवाड़ा के रघुनाथपुरा की बंद दोनों खानों में ताजा खुदाई के निशान मिले थे। एसओजी ने अवैध खनन पकड़ा। वसूली तो दूर, नोटिस के जवाब तक नहीं दिए। जानें पूरी खबर।
देवेंद्र शर्मा ‘शास्त्री’
Rajasthan Illegal Mining : राजस्थान में नासूर बन चुके अवैध खनन को लेकर सरकारें कभी भी गंभीर नहीं रहीं। यह तब है जब खनन माफिया सरकार को करोड़ों रुपए के राजस्व की चपत लगा रहे हैं। मामला सीबीआइ को सौंपे जाने के बाद चर्चा में आई भीलवाड़ा के रघुनाथुपरा गांव की काले ग्रेनाइट की खान में भी दो साल तक जमकर अवैध खनन हुआ। लोगों ने मिलीभगत कर इससे करीब 30 करोड़ रुपए के राजस्व का नुकसान किया। एसओजी की रेड में अवैध खनन का मामला पकड़ा गया। खनन कारोबारियों के साथ तत्कालीन जिला कलक्टर, एसपी और खान विभाग को नोटिस भी जारी किए गए मगर हुआ कुछ नहीं। सरकारी पैसों की वसूली तो दूर नोटिसों के जवाब भी फाइलों में दफन कर दिए गए। खान पर कार्रवाई के दौरान जितेन्द्र धाभाई नाम के व्यक्ति ने एसओजी के जांच अधिकारी को धमकी भी दी थी। इसकी एसओजी की ओर से करेड़ा थाने में रिपोर्ट भी दर्ज करवाई गई थी। इसके बाद भी किसी पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।
जांच में इन खानों पर बिजली का अवैध कनेक्शन भी पाया गया था। मौके पर मिले मजदूरों ने जांच अधिकारी को बताया था कि खनन कार्य अरावली ग्रेनी मार्मो प्राईवेट लिमिटेड के मनीष और मथुरा के श्यामसुंदर गोयल के निर्देश पर हो रहा है। ब्लैक ग्रेनाइट पत्थर का भुगतान इसी कंपनी के बैंक खाते में जमा होता है। इसके बावजूद खनिज विभाग को कोई शुल्क नहीं दिया गया। इस पर एसओजी ने खान के शेयर धारकों, खनिज और बिजली विभाग सहित संबंधित को नोटिस भेजा लेकिन जानकारी आज तक नहीं आई।
जांच के लिए जब मैं मौके पर गया तो वहां खान कागजों में बंद थी और अवैध खनन किया जा रहा था। बिजली का भी अवैध तरीके से कनेक्शन लिया हुआ था। जितेन्द्र धाभाई नाम के व्यक्ति ने फोन पर मुझे धमकी दी थी। जिसकी रपट लिखवाई थी।
भूराराम खिलेरी, तत्कालीन जांच अधिकारी, एसओजी-सीओ भोपालगढ़
नई दिल्ली निवासी मितेश शर्मा की शिकायत पर SOG की अजमेर यूनिट के पुलिस निरीक्षक भूराराम खिलेरी की टीम ने मार्च, 2021 में रघुनाथपुरा की खान 66/12 व 67/12 पर रेड की। टीम को दोनों खानों पर ताजा खुदे हुए पत्थर मिले थे। जिसकी वीडियोग्राफी भी हुई थी।
एसओजी की जांच रिपोर्ट में साफ लिखा है कि दोनों खानों में बड़ी मात्रा में अवैध खनन किया जा रहा है। खनन पट्टा संख्या 66/12 में 27 फरवरी 2018 के बाद से कोई राजस्व की प्राप्ति नहीं हुई। वहीं, तीसरी खान 68/12 का अंतिम रवन्ना 29 नवंबर 2017 को जारी किया गया था।