Rajasthan High Court: केन्द्र सरकार ने याचिकाकर्ताओं के मामले में रोक हटाने के लिए प्रार्थना पत्र पेश किया था, जिसे हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया।
Rajasthan High Court: जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने वाहन फिटनेस सर्टिफिकेट नहीं होने पर याचिकाकर्ताओं से अतिरिक्त शुल्क के रूप में 50 रुपए प्रतिदिन जुर्माना वसूलने पर रोक हटाने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने माना कि यह राशि फीस के बजाय पेनल्टी के रूप में वसूल की जा रही है, जो सही नहीं है। केन्द्र सरकार ने याचिकाकर्ताओं के मामले में रोक हटाने के लिए प्रार्थना पत्र पेश किया था, जिसे हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया।
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मुख्य न्यायाधीश एम एम श्रीवास्तव और न्यायाधीश आशुतोष कुमार की खंडपीठ ने मंगलवार को सतपाल मील व अन्य की 100 से अधिक याचिकाओं पर यह आदेश दिया। केन्द्र सरकार की ओर से प्रार्थना पत्र में कहा कि नियमों में सरकार को फीस वसूलने का अधिकार है। ऐसे में वाहन फिटनेस सर्टिफिकेट की अवधि समाप्त होने के बाद नवीनीकरण तक के लिए प्रतिदिन पचास रुपए अतिरिक्त फीस वसूलने पर लगाई गई रोक को हटाया जाए।
याचिकाकर्ताओं ने पचास रुपए प्रतिदिन की अतिरिक्त फीस वसूली को मोटर वाहन अधिनियम की धारा 211 के खिलाफ है। याचिकाकर्ताओं का कहना था कि सरकार को फीस वसूलने का अधिकार है, पेनल्टी नहीं लगाई जा सकती। कोर्ट ने इस मामले में पिछले दिनाें सुनवाई पूरी कर ली थी, जिस पर मंगलवार को अपना निर्णय सुनाया।
उल्लेखनीय है कि केन्द्र सरकार ने 4 अक्टूबर 2021 को फिटनेस सर्टिफिकेट की अवधि समाप्त होने के बावजूद पुन: सर्टिफिकेट नहीं लेने वाले वाहनों से प्रतिदिन पचास रुपए की अतिरिक्त फीस वसूलने का प्रावधान किया था।