SI Recruitment Exam 2021 Paper Leak Case: आरपीएससी ने सब इंस्पेक्टर व प्लाटून कमांडर के कुल 859 पदों के लिए 13, 14 और 15 सितंबर 2021 को परीक्षा आयोजित की थी। इस परीक्षा में कई डमी उम्मीदवारों के बैठने की खबरें सामने आई थी।
राजस्थान हाईकोर्ट ने गुरुवार को अहम फैसला सुनाते हुए एसआई भर्ती परीक्षा 2021 को रद्द कर दिया है। हाईकोर्ट ने कहा कि इस भर्ती परीक्षा में बड़े स्तर पर नकल हुई थी और पेपर लीक में आरपीएससी सदस्यों की भूमिका भी सामने आई थी। ऐसे में इस भर्ती को जारी नहीं रखा जा सकता है।
साथ ही हाईकोर्ट ने एसआई भर्ती 2021 के 897 पदों को नई भर्ती 2025 में जोड़ने के आदेश दिए है। ऐसे में अब नई सब इंस्पेक्टर भर्ती 1912 पदों पर आयोजित होगी। आइए अब जानते हैं राजस्थान के सबसे बड़े पेपर लीक घोटाले का कैसे खुलासा हुआ और कैसे पेपर लीक हुआ था?
बता दें कि आरपीएससी ने सब इंस्पेक्टर व प्लाटून कमांडर के कुल 859 पदों के लिए 13, 14 और 15 सितंबर 2021 को परीक्षा आयोजित की थी। इस परीक्षा में कई डमी उम्मीदवारों के बैठने की खबरें सामने आई थी। साथ ही यह भी पता चला था कि परीक्षा से पहले ही पेपर लीक हुआ था।
साल 2023 में राजस्थान में बीजेपी सरकार बनने के बाद पेपरलीक की जांच के लिए एसआईटी की घोषणा हुई। इसके बाद मार्च 2024 से एसआई पेपरलीक कांड में गिरफ्तारी का सिलसिला शुरू हुआ था। पहली बार 5 मार्च को एसओजी ने नागौर डीएसपी के बेटे सहित 15 थानेदारों को गिरफ्तार किया है। एसओजी जांच में खुलासा हुआ था कि मास्टरमाइंड जगदीश विश्नोई ने लाखों रुपए में बेरोजगार युवाओं को पेपर बेच था।
एसआई भर्ती परीक्षा 2021 का पेपर लीक हसनपुरा में शांति नगर स्थित स्वींद्र बाल भारती सीनियर सेकेंडरी स्कूल से हुआ था। जगदीश बिश्नोई ने केन्द्र अधीक्षक राजेश खंडेलवाल को दस लाख रुपए देकर यूनिक भांभू को स्कूल में वीक्षक के रूप में एंट्री कराई थी। यूनिक को पेपर के स्ट्रॉन्ग रूप में दाखिल कराने के बाद उसकी पहचान देकर राजियासर श्रीगंगानगर निवासी शिवरतन मोट को बाहर खड़ा किया था।
यूनिक ने पेपर चुराने के बाद वाट्सऐप पर जगदीश को भेजा था। इसके बाद जगदीश ने अशोक सिंह नाथावत को पेपर देकर उसे हल कराने के लिए हर्षवर्धन के पास भेजा था। बीच में अशोक ने 15 लाख रुपए में शेर सिंह को हल पेपर भेज दिए। वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा के आरोपी अनिल कुमार मीणा उर्फ शेर सिंह ने अपने हेण्डलर्स गोविन्दगढ़ निवासी कमलेश मीणा, श्रीमाधोपुर निवासी अरुण शर्मा के माध्यम से दर्जन अभ्यर्थियों को पेपर पढ़वाया। शेरसिंह ने पचास लाख रुपए में भूपेन्द्र सारण को पेपर का सौदा किया। 25 लाख रुपए प्राप्त भी किए।
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भूपेन्द्र सारण व सुरेश ढाका ने अपने हेण्डलर्स कोलायत निवासी सुनिल, आकोली सांचौर निवासी महेन्द्र, हेमागुडा सांचौर निवासी सुनील भादू, कमलेश ढाका (सुरेश ढाका का भाई), हेमागुडा निवासी सुरेश सउ (सुरेश ढाका का जीजा), बिढाणी सांचौर निवासी दिनेश सारण (सुरेश ढाका के मामा का लड़का) आदि के माध्यम से कई को पेपर पढ़ाया।
इनमें सिवाड़ा सांचौर निवासी अभय सिंह, भीनमाल निवासी मनोहर लाल, सेडिया सांचौर निवासी मनोहर सिंह, सांचौर निवासी भगवती विश्नोई शामिल थे। डावल सांचौर निवासी प्रवीण बिश्नोई चयनित होने के बाद भी जॉइन करने नहीं पहुंचा। करावली सांचौर निवासी गणपतलाल विश्नोई व उसके एक साथी को भी पेपर पढ़ाया गया। इस प्रकार जगदीश बिश्नोई, यूनिक भांभू उर्फ पंकज चौधरी, शिवरतन मोट, राजेश खण्डेलवाल, हर्षवर्धन, अशोक सिंह नाथावत, राजेन्द्र यादव उर्फ राजू, रिंकू शर्मा, स्वरूप मीणा ने कई को पेपर पढ़ाया।
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सबसे पहले आरपीएससी स्तर पर तत्कालीन आयोग सदस्य ने पेपर लीक किया था। आरपीएससी के पूर्व सदस्य रामूराम राईका से पूछताछ में खुलासा हुआ था कि आरपीएससी सदस्य रहे बाबूलाल कटारा ने सब इंस्पेक्टर भर्ती 2021 का पेपर सबसे पहले लीक किया था। कटारा ने ही रामूराम राईको को एसआई भर्ती परीक्षा का पेपर दिया था। इसके बाद अनिल कुमार उर्फ शेरसिंह मीणा की मदद से सैकड़ों युवाओं को पेपर बेचा गया था। साथ ही इस भर्ती में बड़ी संख्या में डमी अभ्यर्थी बैठाए गए थे।