Odwara Encroachment Case : राजस्थान के जालोर के ओडवाड़ा गांव में अतिक्रमण हटाने के लिए जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन ने ग्रामीणों के विरोध पर बल का प्रयोग किया। जिस पर कांग्रेसी नेता अशोक गहलोत व सचिन पायलट ने भाजपा व राजस्थान सरकार पर जमकर हमला बोला।
Odwara Encroachment Case : राजस्थान के जालोर के ओडवाड़ा गांव में आज सुबह स्थानीय जिला प्रशासन मय पुलिस जाप्ते के हाईकोर्ट के आदेश पर अतिक्रमण हटाने पहुंचा था। यह देखकर ग्रामीण एकजुट होकर इस कारवाई का विरोध करने लगे। इसे देखकर पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ गया। इससे पूरे गांव का माहौल बिगड़ गया और स्थिति अनियंत्रित हो गई। इसके बाद विपक्षी दल कांग्रेस ने भजनलाल सरकार के विरोध में जमकर हमला किया। गर्मी के इस मौसम में अचानक राजनीति में उबाल आ गया। राजस्थान कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने कहा आहोर, जालोर के ओडवाड़ा में अतिक्रमण हटाने के नाम पर 400 से अधिक घरों को तोड़ने के लिए प्रशासन द्वारा बल प्रयोग करना उचित नहीं है। यह गरीब परिवारों से जुड़ा मामला है।
अशोक गहलोत ने आगे कहा प्रशासन को इन परिवारों को उचित समय देना चाहिए था। जिससे वो उसका कानूनी समाधान निकाल पाते। इस विषय को राज्य सरकार एवं प्रशासन मानवीय आधार पर देखे। इस संबंध में मेरी जालोर कलेक्टर से भी बात हुई है। हम इन पीड़ित परिवारों की कानूनी सहायता कर इनको न्याय सुनिश्चित करवाएंगे।
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अशोक गहलोत ने कहा पूर्व में भी ऐसे कई मामले हुए हैं। जिनमें उच्च या उच्चतम न्यायालयों का फैसला पीड़ित परिवारों के पक्ष में आया था। सीकर के पटवारी का बास गांव में ऐसा प्रकरण हुआ था। जिसमें हाईकोर्ट के एक आदेश में घर तोड़ने का फैसला हुआ परन्तु दूसरे आदेश में इसे गलत माना और पीड़ित परिवारों को हमारी सरकार के समय पट्टे दिए गए। प्रशासन को सभी कानूनी रास्ते पूरे होने का इंतजार करना चाहिए एवं इसके बाद कोई कार्रवाई करनी चाहिए।
कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने भी कहा कि जालोर जिले के ओडवाड़ा गांव में घरों को तोड़ने के आदेश के विरुद्ध संघर्ष कर रहे लोगों के साथ पुलिस द्वारा दुर्व्यवहार किया गया, उसकी मैं घोर निंदा करता हूं। ये लोग अपना घर बचाने के लिए आवाज उठा रहे हैं, जिसमें महिलाएं भी शामिल हैं। सरकार को इनके अधिकारों के लिए न्यायपालिका के माध्यम से तुरंत राहत प्रदान करने के लिये कार्यवाही करनी चाहिए थी। पुलिस एवं प्रशासन से आग्रह है कि इस मुद्दे को शांति एवं बातचीत द्वारा सुलझाया जाना चाहिए।
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