Rajasthan Monsoon Report 2024 : राजस्थान में मानसून सक्रिय हो चुका है। कई इलाकों में बारिश का दौर जारी है। आज सुबह से ही राजधानी जयपुर का मौसम सुहाना बना हुआ है।
Rajasthan Monsoon 2024 : राजस्थान में मानसून सक्रिय हो चुका है। कई इलाकों में बारिश का दौर जारी है। आज सुबह से ही राजधानी जयपुर का मौसम सुहाना बना हुआ है। बारिश से बचने के लिए लोगों को छतरी का सहारा लेना पड़ रहा है। आइएमडी जयपुर डायरेक्टर राधेश्याम शर्मा ने पत्रिका डिजिटल से खास बातचीत में बताया कि इस साल मानसून कैसा रहने वाला है।
आइएमडी जयपुर डायरेक्टर राधेश्याम के मुताबिक, 26 जून को मानसून का राजस्थान में आगमन हो चुका है। दक्षिणी - पूर्वी राजस्थान के भागों से इसका प्रवेश हुआ। बीते दो दिनों से पूर्वी और पश्चिमी राजस्थान में काफी अच्छी बरसात भी रिकॉर्ड हो रही है। आज भी सबसे ज्यादा बारिश पूर्वी राजस्थान के कई जिलों में हुई। यह एक एक्टिव मानसून के संकेत दे रहे हैं।
आइएमडी जयपुर डायरेक्टर राधेश्याम के मुताबिक, भारी बारिश की गतिविधियां खासकर पूर्वी व पश्चिमी राजस्थान में होने की संभावना है। 28 -29 जून से लेकर 2-3 जुलाई तक भारी बारिश की अटूट संभावना है। ओवरऑल मानसून का राजस्थान में शुरुआती दौर अच्छा रहने वाला है। आगामी 10-12 दिन तक काफी अच्छी वर्षा देखने को मिलेगी। अभी के हिसाब से समय की जरूरत बारिश के माध्यम से पूरी हो जाएगी। पाकिस्तान से सटे कुछ इलाकों जैसे बाड़मेर, जैसलमेर और निकटवर्ती क्षेत्रों को छोड़कर बाकि जगहों पर भारी बारिश की संभावना है।
शुरुआत से लेकर अंत तक एक्टिव मानसून की गतिविधियां जारी रहेगी। आगामी 10-12 दिन काफी ज्यादा भारी बारिश के संकेत दिखाई दे रहे हैं। मानसून की एक खासियत होती है कि सभी जिलों में एक समान बारिश कभी नहीं होती। इस वजह से हर जिले में बारिश की स्थिति भी अलग-अलग रहेगी। लेकिन इस मानसून उम्मीद यहीं है कि ज्यादतर इलाके में सामान्य बारिश होगी। खासकर सीमावर्ती क्षेत्र जैसलमेर, बाड़मेर के इलाके में मानसून में असमानता पाई जा सकती है। ओवरऑल बहुत कम ऐसे क्षेत्र हो सकते हैं जहां बारिश की कमी हो।
पिछले साल 2023 में मानसून 25 जून को आया था। मानसून के आगमन से पहले राजस्थान में विपरजॉय तूफान का आगमन हुआ था, ऐसे में मानसून से पहले ही 100 मिमी से ज्यादा बारिश पहले ही हो चुकी थी। पिछले बार भी यदि आप देखें तो मानसून का परफॉर्मेंस ठीक रहा था। लेकिन अगस्त में मानसून एक्टिवी कम हो गई थी। हर साल मानसून में बदलाव होता रहता है। ऐसे में जाहिर - सी बात है कि इस साल भी पिछले बार के मुकाबले मानसूनी वर्षा का आंकड़े अलग आ सकते हैं।