Mothers Kill Children 5 Shocking Cases: छोटे बच्चों की मौतों के कई चौंकाने वाले केस पहले भी सामने आए हैं। कभी मां ने नवजात का गला काटा, तो कहीं बच्चे के मुंह में पत्थर भर दिए। एक मां ने तो बाल्टी में डुबोकर ही बीस दिन के बच्चे की जान ले ली।
Rajasthan Crime News: मां की ममता के किस्से अक्सर पढ़ने सुनने को मिलते हैं, लेकिन हाल ही में राजस्थान के चूरू जिले का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। मां ने ही अपने दो घंटे पहले जन्मे बेटे को इसलिए मार दिया क्योंकि उसके चार बच्चे पहले ही थे। सवाल उठता है कि अगर बच्चा रखना नहीं था तो उसे जन्म क्यों दिया…? पुलिस इस पूरे मामले का खुलासा कर मां को अरेस्ट करने की तैयारी कर चुकी है। लेकिन यह एक मामला नहीं है कि जब माता…कुमाता बनी है। छोटे बच्चों की मौतों के कई चौंकाने वाले केस पहले भी सामने आए हैं। कभी मां ने नवजात का गला काटा, तो कहीं बच्चे के मुंह में पत्थर भर दिए। एक मां ने तो बाल्टी में डुबोकर ही बीस दिन के बच्चे की जान ले ली।
पिछले साल मार्च में जयपुर के रामगंज में रहने वाली अंजुम ने अपने डेढ़ महीने के बेटे का गला सर्जिकल ब्लेड़ से काट दिया था। वह बच्चे के जन्म के लगातार रोने से परेशान थी। उसने पहले बताया कि किसी ने दिन में बच्चे की हत्या कर दी थी। बाद में जांच में उसने जुर्म कबूल कर लिया था।
पिछले साल अक्टूबर में सीकर जिले के नीमकाथाना क्षेत्र में रहने वाली सरोज ने अपने बीस दिन के बच्चे को पानी की बाल्टी में डुबोकर मार दिया। पुलिस को कहानी सुनाई कि किसी पड़ोसी ने हत्या कर दी। पुलिस ने जांच की तो पता चला कि सरोज मानसिक बीमार है। उसने बेटे को इसलिए मार दिया… क्योंकि उसे डर था कि कहीं कुछ दिन बाद सरोज की मौत हो जाती है तो ऐसे में बेटे को कौन पालेगा…? इसी डर से बेटे को मार दिया।
इसी साल सितंबर माह में दस दिन के बच्चे का शव भीलवाड़ा के मांडल से मिला। जंगल में पत्थर के नीचे दबे शव के मुंह में पत्थर भरे हुए थे। जांच में पता चला कि नाना ने अपने नातिन को मार दिया। दरअसल बिन ब्याही बेटी ने अपने ही भाई से संबंध बना लिए थे। उसके बाद बच्चा जन्मा था। उसे ठिकाने लगाने के लिए प्रपंच रचा गया था।
चित्तौडगढ जिले के भादसोड़ा थाना इलाके में दो साल के आयुष को उसकी मां रूक्मणी ने मार दिया। उसका गला दबाया और उसे तालाब में फेंक दिया। जांच में सामने आया कि पति-पत्नी में विवाद था। उसी का गुस्सा बेटे पर उतारा। वह खुद भी जान देने वाली थी, लेकिन डर गई थी। घटना इसी महीने की है।
इसी साल जून माह में तीन साल की बच्ची को उसकी मां ने मार दिया। लाश को जयपुर से बांरा ले गई और उसके बाद वहां एक अलमारी में पैक कर दिय। महिला के पति की मौत हो गई थी। वह प्रेमी के साथ रहना चाहती थी। प्रेमी ने बेटी को अपनाने से इंकार कर दिया था। बच्ची के दादा बोले… वे पोती को पाल लेते, लेकिन उसकी मां ने ही उसे मार दिया।
इस बीच बात सरकारी योजनाओं की करें तो प्रदेश के लगभग सभी अस्पतालों में प्रसव इंतजाम फ्री हैं। बेटियों के होने के बाद सरकार करीब एक लाख रुपए तक देती है। बेटा होने पर भी कुछ रुपए दिए जाते हैं। अस्पताल में किसी चीज के पैसे नहीं लगते हैं। प्रसव के बाद मां की रिकवरी के लिए बाद में घी और मेवा देने की योजनाएं भी चल रही हैं।