जयपुर

Rajasthan NDPS Act : नशा तस्करों की बड़ी ताकत बन गई है एनडीपीएस एक्ट की कमजोरियां, जानें कैसे

Rajasthan NDPS Act : मादक पदार्थों की तस्करी रोकने के लिए बनाए गए एनडीपीएस एक्ट की लचर कमजोरियां अब खुद तस्करों के लिए सबसे बड़ी ताकत बनती जा रही हैं। जानें कैसे।

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ग्राफिक्स फोटो पत्रिका

Rajasthan NDPS Act : मादक पदार्थों की तस्करी रोकने के लिए बनाए गए एनडीपीएस एक्ट की लचर कमजोरियां अब खुद तस्करों के लिए सबसे बड़ी ताकत बनती जा रही हैं। हालात यह हैं कि पुलिस की लगातार कार्रवाई के बावजूद नशे का नेटवर्क टूटने के बजाय और मजबूत हो रहा है। वजह साफ है-गिरफ्तारी के बाद तस्कर जमानत पर बाहर आ जाते हैं और फिर पहले से ज्यादा संगठित तरीके से मादक पदार्थों की सप्लाई में जुट जाते हैं।

राजस्थान पत्रिका की पड़ताल में सामने आया कि एक तस्कर को 16 बार नशा सामग्री सप्लाई करते पकड़ा गया और हर बार की तरह जमानत पर छूटकर फिर तस्करी में जुट गया। पुलिस ने आरोपी को 17वीं बार फिर गिरफ्तार किया है।

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प्रदेश में ऐसे दर्जनों तस्कर हैं, जो बार-बार एनडीपीएस एक्ट (गांजा व स्मैक) के मामलों में गिरफ्तार हो चुके हैं। हर बार पुलिस सबूत जुटाकर उन्हें सलाखों के पीछे भेजती है, लेकिन लचर कानून के चलते कुछ ही समय में वे फिर सड़कों पर नशा बेचते नजर आने लगते हैं।

नशे का लालच करवा रहा जासूसी

नशा सिर्फ स्वास्थ्य की समस्या नहीं, बल्कि सामाजिक और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा गंभीर मुद्दा बन चुका है। राजस्थान इंटेलिजेंस ने पाकिस्तान के लिए जासूसी करते पंजाब निवासी युवक बादल को पकड़ा, जिससे पूछताछ में पता चला कि मादक पदार्थ तस्कर नशा सामग्री देने के बदले में उससे जासूसी करवा रहे थे।

मादक पदार्थों का बड़ा असर युवाओं पर पड़ रहा है। स्कूल-कॉलेज के छात्र नशे की गिरफ्त में आकर न सिर्फ अपना भविष्य बर्बाद कर रहे हैं, बल्कि अपराध की दुनिया में भी धकेले जा रहे हैं। नशे के कारण परिवार टूट रहे हैं और आर्थिक स्थिति चरमरा रही है।

कानून से वाकिफ हैं तस्कर

एनडीपीएस एक्ट से तस्कर वाकिफ हैं। उन्हें पता है कि कम मात्रा में नशा सामग्री रखकर सप्लाई करेंगे, तो थाने में ही जमानत मिल जाएगी।

नाबालिगों का इस्तेमाल

मादक पदार्थ की अल्प मात्रा होने पर पकड़े जाने वाले आरोपी को थाने में जमानत देने का प्रावधान है। तस्कर भी कानून की आड़ लेकर कम मात्रा में मादक पदार्थ रखते हैं तथा कई बार नाबालिगों का भी इस्तेमाल करते हैं। राहुल प्रकाश, स्पेशल पुलिस कमिश्नर, जयपुर कमिश्नरेट

बदलाव की जरूरत

वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए एनडीपीएस एक्ट में बदलाव की जरूरत है। तस्करों को पता रहता है कि कम बरामद होने पर उनका कुछ भी नहीं हो सकता।
नरपत सिंह, सेवानिवृत्त आरपीएस

ग्राफिक्स फोटो पत्रिका

इस मात्रा में मादक पदार्थ तो मिल जाती है जमानत

कोकीन 02 ग्राम
अफीम 25 ग्राम
चरस 100 ग्राम
गांजा 01 किग्रा
डोडा पोस्त 01 किग्रा
स्मैक, हेरोइन, ब्राउन शुगर 05 ग्राम
(एनडीपीएस एक्ट के तहत तय की गई अल्प मात्रा)

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Updated on:
20 Dec 2025 11:17 am
Published on:
20 Dec 2025 10:16 am
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