जयपुर

Rajasthan News: गहलोत राज के फैसलों की रिव्यू रिपोर्ट अटकी! एक दिन बाद ही दावे से पलटी कमेटी, जानें क्यों?

Bhajan Lal Cabinet Sub-Committee: मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने दावा किया था कि समीक्षा का काम लगभग पूरा हो गया है। लेकिन बुधवार को हुई मीटिंग में कुछ और ही निकलकर सामने आया।

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Oct 10, 2024

जयपुर। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के अंतिम 6 माह के फैसलों की समीक्षा के लिए गठित कैबिनेट सब कमेटी एक दिन बाद ही अपने दावे से पलट गई है। समिति के सदस्यों का कहना है कि अभी तक समीक्षा का काम पूरा नहीं हुआ है। इसलिए आगे और बैठकें होंगी। समिति की अगली बैठक 14 अक्टूबर को प्रस्तावित है।

इससे पहले मंगलवार को समिति के संयोजक और चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने दावा किया था कि समीक्षा का काम लगभग पूरा हो गया है। बुधवार को अंतिम बैठक होगी और उसके बाद समिति अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंप देगी। लेकिन, बुधवार को बैठक के बाद कहा कि अभी बैठकें और होंगी। बैठक में मंत्री सुमित गोदारा और जोगाराम पटेल भी मौजूद रहे। बैठक में करीब 25 प्रकरणों को लेकर विचार किया गया।

मंत्री पटेल बोले-अभी समीक्षा का काम अधूरा

समीक्षा बैठक के बाद संसदीय कार्य और कानून मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि गहलोत राज के फैसलों की समीक्षा का काम अभी पूरा नहीं हुआ है। अभी और बैठक होनी हैं। कुछ मामलों में अधिकारियों से तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी गई है। रिपोर्ट के आने के बाद कमेटी निर्णय की स्थिति में होगी। समिति की अगली बैठक 14 अक्टूबर को होनी है। माना जा रहा है कि इसके बाद समिति अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंपेगी। जिस पर अंतिम फैसला कै​बिनेट मीटिंग में लिया जा सकता है।

मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि सचिवालय में हुई कैबिनेट सब कमेटी की बैठक में जमीन आवंटन के 300 प्रकरणों को लेकर अधिकारियों से फिर जानकारी लेकर आने के लिए कहा है। विधि मंत्री जोगाराम पटेल ने मीडिया से बातचीत में कहा कि अधिकारियों को अगली बैठक में भूमि आवंटन से जुड़े प्रकरणों की वर्गीकृत जानकारी लेकर आने को कहा गया है। पटेल ने उम्मीद जताई है कि सोमवार को बैठक करके अंतिम रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंप दी जाएगी।

बदले जा सकते है गहलोत राज में लिए गए कई फैसले

कमेटी अब तक करीब 800 से ज्यादा मामलों की समीक्षा में जुटी हुई है। ये वो मामले है, जो पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में अंतिम 6 माह में लिए गए थे। इनमें जमीन, माइंस आवंटन सहित व्यक्तिगत लाभ से जुड़े मामले शामिल हैं। माना जा रहा है कि कमेटी पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के अधिकांश फैसलों को बदल सकती है।

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