स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार डेंगू से इस बार घातकता कम रही है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार 17 अक्टूबर तक प्रदेश में डेंगू के कुल 2301 मरीज दर्ज किए गए हैं।
Dengue in Rajasthan : राजस्थान में इस बार मानसून और उसके बाद हुई बंपर बारिश से मौसमी बीमारियों का प्रकोप बढ़ रहा है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार डेंगू से इस बार घातकता कम रही है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार 17 अक्टूबर तक प्रदेश में डेंगू के कुल 2301 मरीज दर्ज किए गए हैं। अनुमान है कि अब तक यह संख्या 2500 तक पहुंच चुकी है। हालांकि राहत की खबर है कि इस बार डेंगू से पीड़ितों की मृत्यु दर शून्य है।
पिछले वर्षों की तुलना में इस बार रोगियों में गंभीर जटिलताएं कम देखी गई हैं और अधिकतर मरीज सामान्य वायरल लक्षणों से ही ठीक हो गए। रिपोर्ट के मुताबिक जयपुर और अजमेर जिलों में डेंगू के सबसे अधिक मामले सामने आए हैं। जयपुर जिले में अब तक सर्वाधिक 302 मरीज जबकि अजमेर में 220 मरीज दर्ज किए गए हैं। अलवर, बीकानेर, कोटा, जोधपुर और श्रीगंगानगर में भी संक्रमण के केस बढ़े हैं। राज्य में मलेरिया के अब तक 1117 और चिकनगुनिया के 245 मामले दर्ज किए गए हैं। विभाग का दावा है कि मौसम बदलने के साथ डेंगू के केस आने वाले दिनों में घटेंगे।
डेंगू से पीड़ित मरीजों के लिए राहत की खबर है कि इस बार प्रदेश में अभी तक मृत्यु दर शून्य रही है। डेंगू के लक्षण और समय पर उपचार मिलने पर रोगी स्वस्थ हो रहे हैं। अधिकांश मरीज सामान्य वायरल लक्षणो से ही ठीक हो रहे हैं। हालांकि डेंगू के अलावा मौसमी बीमारियों से पीड़ित रोगियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। इसके अलावा श्ववसन रोग से पीड़ितों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। वायु प्रदूषण के अलावा हवा में नमी से भी श्वसन रोगियों को परेशान कर रही है।
| क्रमांक | जिला | मरीजों की संख्या |
|---|---|---|
| 1 | अजमेर | 220 |
| 2 | अलवर | 115 |
| 3 | बाड़मेर | 113 |
| 4 | बीकानेर | 271 |
| 5 | बूंदी | 47 |
| 6 | भरतपुर | 28 |
| 7 | कोटा | 176 |
| 8 | जयपुर (I एवं II) | 302 |
| 9 | जोधपुर | 29 |
| 10 | नागौर | 39 |
| 11 | झुंझुनूं | 109 |
| 12 | सवाईमाधोपुर | 35 |
| 13 | सीकर | 41 |
| 14 | श्रीगंगानगर | 104 |
| 15 | उदयपुर | 47 |
पिछले कुछ सालों में राजस्थान में डेंगू के मामलों में उतार-चढ़ाव नजर आया है। वर्ष 2021 में सबसे ज्यादा 20,141 मामले सामने आए थे। इसके बाद 2022 में 12,979, 2023 में 13,924 और 2024 में 12,514 मामले दर्ज हुए। वहीं 2025 में अब तक 440 मामले दर्ज हो चुके हैं।
डेंगू से लड़ने का सबसे बड़ा हथियार जागरूकता है। इसीलिए स्वास्थ्य विभाग लगातार कई कदम उठा रहा है।
जागरूकता अभियान: गांवों और शहरों में लोगों को डेंगू के बारे में बताया जा रहा है, पोस्टर, बैनर और सोशल मीडिया का इस्तेमाल हो रहा है।
मच्छर नियंत्रण: हाई-रिस्क ज़ोन में मच्छरों को खत्म करने के लिए विशेष अभियान चलाए जा रहे हैं।
टास्क फोर्स: जिला स्तर पर टास्क फोर्स की बैठकें हो रही हैं ताकि तैयारियों का जायजा लिया जा सके।
याद रखें, डेंगू के मच्छर साफ रुके हुए पानी में पनपते हैं, इसलिए यह आपकी जिम्मेदारी है कि अपने घर और आसपास पानी जमा न होने दें। कूलर, गमलों और पुरानी टंकियों को नियमित रूप से साफ करें।
साथ ही अपने बच्चों को पूरी बाजू के कपड़े पहनाएं और सोने के समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करें।