Rajasthan Panchayat Body Elections : राजस्थान में पंचायत चुनाव शीघ्र कराने के हाईकोर्ट की एकलपीठ के आदेश के खिलाफ राज्य सरकार ने गुरुवार को अपील पेश कर दी, जिस पर हाईकोर्ट की खंडपीठ शुक्रवार को सुनवाई करेगी।
Rajasthan Panchayat Body Elections : पंचायत चुनाव शीघ्र कराने के हाईकोर्ट की एकलपीठ के आदेश के खिलाफ राज्य सरकार ने गुरुवार को अपील पेश कर दी, जिस पर हाईकोर्ट की खंडपीठ शुक्रवार को सुनवाई करेगी। उधर, राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायत-निकाय चुनाव की तैयारी तेज कर दी। आयोग ने गुरुवार को चुनाव को लेकर कलक्टरों को जारी की जाने वाली गाइडलाइन के ड्राफ्ट पर मशक्कत की। राज्य सरकार की अपील पर हाईकोर्ट न्यायाधीश अवनीश झिंगन व न्यायाधीश बलजिंदर संधू की खंडपीठ शुक्रवार को सुनवाई करेगी। अपील में राज्य सरकार ने एकलपीठ के इसी सप्ताह आए उस आदेश को चुनौती दी, जिसमें संवैधानिक प्रावधानों और अदालती आदेशों का हवाला देकर शीघ्र चुनाव कराने के निर्देश दिए।
हाईकोर्ट की एकलपीठ ने कहा था कि संविधान में पांच साल में स्थानीय निकाय चुनाव कराना अनिवार्य है, जिसे छह माह और बढ़ाया जा सकता है। आदेश की पालना के लिए इसकी कॉपी निर्वाचन आयोग मुख्य सचिव को भेजी है। उधर, राज्य सरकार परिसीमन और प्रदेश में नए जिले बनने का हवाला देकर चुनाव के लिए समय लेना चाहती है। इसके अलावा पंचायत और निकाय चुनाव को लेकर दायर जनहित याचिकाओं पर हाईकोर्ट की खंडपीठ सुनवाई पूरी कर चुकी।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने गुरुवार को कहा कि हम वन स्टेट-वन इलेक्शन का कानून बनाना चाहते हैं। इससे बार-बार चुनाव का खर्च कम होगा और सरकारें विकास पर ध्यान देगी। राज्य निर्वाचन आयोग क्या करेगा, क्या नहीं? उसमें कोई हस्तक्षेप नहीं है। अगर चुनाव करवाए जाएंगे तो हम लड़ेंगे भी और जीतेंगे भी।
प्रदेश में सभी 309 नगरीय निकायों का परिसीमन और वार्डों के पुनर्गठन के अंतिम प्रस्ताव मुख्यमंत्री के पास भेजे गए हैं। संभवतया चार-पांच दिन में अधिसूचना जारी हो जाएगी। स्वायत्त शासन मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने यह बात कही। उन्होंने दोहराया कि एक राज्य-एक चुनाव के तहत ही चुनाव कराने की मंशा है।
परिसीमन और पुनर्गठन के फाइनल प्रस्ताव के बाद राज्य में 2700 नए वार्ड प्रस्तावित हैं। अब 10175 वार्डों में चुनाव होंगे, जबकि अब तक शहरी सरकारों में 7475 वार्ड ही थे। वर्ष 2019 में जहां 196 नगरीय निकाय थे, जो अब 309 हो गए।राज्य में अब 13 की जगह 10 नगर निगम होंगे।
वार्डों का गठन
15000 तक की जनसंख्या पर 20 वार्ड, 35 लाख आबादी तक अधिकतम 150 वार्ड।
राज्य सरकार ने निकायों एवं पंचायती राज संस्थाओं में आरक्षण के लिए गठित राज्य अन्य पिछड़ा वर्ग (राजनीतिक प्रतिनिधित्व) आयोग का कार्यकाल 31 दिसम्बर तक बढ़ा दिया। सरकार ने 9 मई को आयोग का गठन किया, जिसका तीन माह का कार्यकाल पूरे होने के बावजूद नया आदेश जारी नहीं होने से असमंजस हो गया था।