Rajasthan Flood: एसडीआरएफ-एनडीआरएफ ने 792 लोगों को किया रेस्क्यू, प्रभावित जिलों में लगे राहत शिविर -मानसून में राज्य में इस साल 53 प्रतिशत ज्यादा पानी बरसा, सरकार ने राहत कार्यों में दिखाई तत्परता।
Heavy Rainfall Rajasthan: जयपुर. राजस्थान इस बार मानसून में खासा मेहरबान रहा। 15 जून से 29 अगस्त तक राज्य में औसत से 53 प्रतिशत अधिक वर्षा दर्ज की गई। जहां सामान्य रूप से इस अवधि में 355.46 मि.मी. बारिश होती है, वहीं इस वर्ष 543.63 मि.मी. वर्षा दर्ज की गई। अधिक बारिश से बांधों में पानी की भरपूर आवक हुई है। प्रदेश के बांधों की कुल क्षमता 13026.511 एम.क्यू.मी. है, जिसमें से 83.12 प्रतिशत यानी 10830.42 एम.क्यू.मी. पानी भर चुका है।
मानसून के दौरान अजमेर, बारां, बूंदी, जयपुर, जोधपुर, कोटा, नागौर, पाली, सवाई माधोपुर और टोंक समेत 19 जिलों में असामान्य वर्षा दर्ज की गई, जबकि 17 जिलों में अत्यधिक वर्षा और 5 जिलों में सामान्य वर्षा हुई। अत्यधिक वर्षा और बाढ से जनजीवन प्रभावित रहा। 15 जून से 29 अगस्त के बीच वर्षा जनित हादसों में 95 लोगों की मृत्यु हुई, जबकि 58 लोग घायल हुए। राज्य सरकार ने मृतकों के परिजनों को एसडीआरएफ नॉम्र्स के अनुसार चार-चार लाख रुपए की सहायता स्वीकृत की है।
बाढ प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव के लिए एसडीआरएफ की 57 और एनडीआरएफ की 7 टीमें तैनात की गईं। इन टीमों ने अब तक 792 लोगों को सुरक्षित रेस्क्यू किया है। साथ ही, कोटा हैलिपेड और जोधपुर एयरपोर्ट पर भारतीय वायुसेना के हेलिकॉप्टर भी राहत कार्यों के लिए तैयार रखे गए।
आपदा राहत विभाग ने 10 जिलों में सडक़, पुल, स्कूल, आंगनबाड़ी और स्वास्थ्य केंद्र जैसी सार्वजनिक परिसंपत्तियों के रिपेयर व रेस्टोरेशन के लिए 147 करोड़ रुपये के 7163 कार्य स्वीकृत किए हैं। सवाई माधोपुर में मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने हवाई सर्वेक्षण कर बाढ प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लिया और ‘अरबन फ्लड मिटिगेशन’ के तहत लटिया नाले और सूरवाल बांध के लिए डीपीआर बनाने के निर्देश दिए।
सरकार ने प्रभावित जिलों में राहत शिविर भी लगाए हैं ताकि प्रभावित लोगों को त्वरित सहायता और सुरक्षित आश्रय मिल सके। इस प्रकार, अधिक बारिश से चुनौतियाँ बढऩे के बावजूद राज्य सरकार ने राहत और बचाव कार्यों में तत्परता दिखाई है।