RERA Strict Order : राजस्थान रियल एस्टेट रेग्यूलेटरी अथॉरिटी (रेरा) ने वादाखिलाफी करने पर बिल्डर पर सख्ती दिखाई। बिल्डर पर 50 हजार रुपए का हर्जाना लगाया। साथ ही तय सुविधाएं नहीं देने पर बिल्डर को दो हजार रुपए प्रतिमाह देने का आदेश दिया।
RERA Strict Order : राजस्थान रियल एस्टेट रेग्यूलेटरी अथॉरिटी (रेरा) के न्याय निर्णयन अधिकारी ने फ्लैट का कब्जा सौंपने में देरी और वादा करने के बावजूद स्विमिंग पूल, लिफ्ट व एसटीपी जैसी सुविधाएं न देने पर बिल्डर समूह पर सख्ती दिखाई। इस मामले में बिल्डर पर 50 हजार रुपए का हर्जाना लगाया, वहीं आदेश दिया कि सुविधाएं उपलब्ध होने तक परिवादिया को हर माह 2,000 रुपए दिए जाएं। परिवादिया को बकाया लोन पर मई 2024 से दो प्रतिशत ब्याज की दर से भुगतान और 20 हजार रुपए वाद खर्च भी दिलाया।
अथॉरिटी के न्याय निर्णयन अधिकारी आर एस कुलहरी ने विद्याधर नगर निवासी सुनीता सिंह के परिवाद पर यह आदेश दिया। परिवाद में कहा कि परिवादिया ने गोविन्द कृपा बिल्ड हाइट्स से 1,87,86,326 रुपए में फ्लैट बुक कराया।
परिवादिया ने बिल्डर समूह पर घटिया निर्माण, समय पर फ्लैट का कब्जा नहीं दिए जाने, एसटीपी सहित मूलभूत सुविधाएं मुहैया नहीं कराने का आरोप लगाया। इसके जवाब में बिल्डर समूह ने कहा कि समझौता हो जाने के कारण हर्जाना नहीं दिलाया जा सकता।
न्याय निर्णयन अधिकारी ने शिकायतों के बारे में पता करवाने के लिए मौका निरीक्षण करवाया। निरीक्षण में पाया कि स्विमिंग पूल उचित स्थिति में नहीं था, कैप्सूल लिफ्ट और एसटीपी भी चालू नहीं थे। इस पर न्याय निर्णयन अधिकारी ने बिल्डर समूह के विरुद्ध यह आदेश दिया।