राजस्थान में ग्राम पंचायत चुनाव को लेकर अभी भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है। ऐसे में राज्य सरकार नगर निकाय की तर्ज पर ही जनप्रतिनिधियों को प्रशासक लगाने की तैयारी में है।
राजस्थान में ग्राम पंचायत चुनाव को लेकर अभी भी असमंजस की स्थिति बनी हुई है। प्रदेश की 6759 ग्राम पंचायतों का कार्यकाल जनवरी में पूरा होने वाला है। ऐसे में राज्य सरकार नगर निकाय की तर्ज पर ही जनप्रतिनिधियों को प्रशासक लगाने की तैयारी में है। वहीं, 704 ग्रांम पंचायतों का कार्यकाल मार्च 2025 में पूरा होगा, इनमें भी प्रशासक लगेंगे। दरअसल, भजनलाल सरकार वन स्टेट वन इलेक्शन के चलते ऐसा फैसला ले रही है।
राजस्थान सरकार ने 25 नवंबर को 49 निकायों में कार्यकाल पूरा होने के चलते प्रशासक लगाने की शुरुआत हुई थी। बता दें कि सरकार पहले से ही ग्राम पंचायत चुनाव नहीं करवाने की पक्ष में थी। क्योंकि मतदाता सूचियां तैयार करना और चुनाव कार्यक्रम जारी करने में तीन माह का समय लगता है। ऐसे में 6759 ग्राम पंचायतों में चुनाव किसी भी सूरत में समय पर संभव नहीं हो सकते। इसी के चलते प्रशासक लगना तय है।
दूसरी ओर, पंचायती राज ने निर्वाचन आयोग द्वारा भेजे गए परिसीमन रिमाइंडर का जवाब नहीं दिया। बता दें कि ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभाग को राज्य निर्वाचन आयोग ने नए जिलों से जुड़े परिसीमन को लेकर चार रिमाइंडर भेजे, लेकिन चुनाव कराने से संबंधित क्षेत्रों के निर्धारण को लेकर जवाब अब तक नहीं मिला है।
राजस्थान में ग्राम पंचायत चुनाव को लेकर भजनलाल सरकार एमपी, झारखंड और हाल में उत्तराखंड में अपनाए गए फॉर्मूले का अध्ययन कर ऐसा करने जा रही है। जबकि कई राज्यों में पंचायती राज में प्रशासक की जगह पुराने जनप्रतिनिधि को बरकरार रखा जाता है। ऐसे में उस प्रशासक के पास वित्तीय और प्रशासनिक पावर रहते हैं। बताया जाता है कि इस फॉमूले से जनता की मांगों को ध्यान में रखकर विकास कराया जाता है।