जयपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट से उड़ान भरने वाले विमानों में तकनीकी खामियां अब चिंताजनक ट्रेंड बनती जा रही हैं। हर महीने ऐसे मामले सामने आ रहे हैं, जब विमान या तो उड़ान से पहले रनवे से लौटा दिए गए या टेकऑफ के बाद हवा में तकनीकी गड़बड़ी के कारण इमरजेंसी लैंडिंग करानी पड़ी।
देवेंद्र राठौड़
जयपुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट से उड़ान भरने वाले विमानों में तकनीकी खामियां अब चिंताजनक ट्रेंड बनती जा रही हैं। हर महीने ऐसे मामले सामने आ रहे हैं, जब विमान या तो उड़ान से पहले रनवे से लौटा दिए गए या टेकऑफ के बाद हवा में तकनीकी गड़बड़ी के कारण इमरजेंसी लैंडिंग करानी पड़ी। हालांकि हर बार हालात को पायलटों की सूझबूझ, कॉकपिट अलर्ट सिस्टम और एटीसी की तत्परता से संभाल लिया गया।
अधिकतर समय एयरलाइंस कंपनियों ने ‘ऑपरेशनल कारण’ बताकर अंतिम समय पर उड़ान रद्द कर दी, लेकिन सवाल यह है कि क्या एयरलाइंस की मेंटिनेंस प्रक्रियाएं पर्याप्त हैं? क्या डीजीसीए का निरीक्षण तंत्र इन घटनाओं को रोकने के लिए पर्याप्त है?
एयरपोर्ट सूत्रों के अनुसार, अधिकतर घटनाओं में विमान के इंजन में ही तकनीकी खराबी सामने आई। चिंता की बात यह है कि कई मामलों में केवल सामान्य जांच के आधार पर ही विमान को दोबारा उड़ान की अनुमति दे दी गई, जिससे सुरक्षा मानकों पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
मई 2025: इंडिगो की जयपुर-चंडीगढ़ लाइट के दोनों इंजनों में खराबी, चंडीगढ़ में इमरजेंसी लैंडिंग करवाई गई।
मई 2025: एयर इंडिया एक्सप्रेस की जयपुर-मुंबई लाइट टेकऑफ से पहले ही रद्द, यात्रियों को दूसरी लाइट से भेजा गया।
मार्च 2025: जयपुर-चेन्नई लाइट के टेकऑफ के बाद रनवे पर टायर रबर का बुरादा मिला। वजन कम करने के लिए हवा में फ्यूल टैंक खाली किया गया, फिर सुरक्षित लैंडिंग हुई।
नवंबर 2024: जयपुर-देहरादून लाइट में इंजन की खराबी के कारण दिल्ली में इमरजेंसी लैंडिंग हुई।
अगस्त 2024: जयपुर-भोपाल लाइट टेकऑफ से पहले एप्रन पर लौटाई गई, यात्रियों को दूसरी लाइट दी गई।
वर्ष 2017 में जयपुर एयरपोर्ट पर एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया था, जब दिल्ली से आए इंडिगो विमान का पंख एयरोब्रिज से टकरा गया था। उस वक्त विमान में 178 यात्री सवार थे। हालांकि कोई घायल नहीं हुआ, लेकिन घटना ने सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े किए थे।