Rajasthan News : कर्मचारी संगठन 20 सितंबर को राजस्थान के सभी जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन करके मुख्यमंत्री के नाम जिला कलक्टर को ज्ञापन देंगे। जानें क्यों नाराज हैं राज्य कर्मचारी?
Rajasthan News : राज्य कर्मचारियों की वेतन विसंगति दूर करने के लिए गठित परीक्षण समिति की रिपोर्ट 1 सितंबर से लागू नहीं होने से नाराज कार्मिक अब सरकार के विरोध में उतर आए हैं। कर्मचारी संगठन 20 सितंबर को सभी जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन करके मुख्यमंत्री के नाम जिला कलक्टर को ज्ञापन देंगे। साथ ही समिति की रिपोर्ट शीघ्र लागू करने की मांग भी करेंगे। कर्मचारी संगठन वेतन विसंगति दूर करने की लंबे समय से मांग कर रहे हैं, इसे लेकर पूर्व में भी कई बार बड़े आंदोलन हो चुके हैं। राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ (एकीकृत) के प्रदेशाध्यक्ष गजेंद्र सिंह राठौड़ ने कहा कि सरकार ने बजट सत्र के दौरान विधानसभा में परीक्षण समिति की रिपोर्ट 1 सितंबर से लागू करने की घोषणा की थी, लेकिन 10 दिन बीतने के बावजूद इसे लेकर कोई हलचल नहीं है।
राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ (एकीकृत) के प्रदेशाध्यक्ष गजेंद्र सिंह राठौड़ ने कहा कि इससे प्रदेश के राज्य कर्मचारियों में काफी आक्रोश है। 20 सितंबर को प्रदेश के राज्य कर्मचारी अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ (एकीकृत) के आव्हान पर जिला अध्यक्षों के नेतृत्व में सभी जिला मुख्यालय पर ज्ञापन दिवस मनाएंगे और जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन देंगे। जयपुर में यह ज्ञापन मुख्य सचिव को दिया जाएगा।
यह भी पढ़ें -
गजेंद्र सिंह राठौड़ ने आगे कहा यदि सरकार ने समिति की रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया, तो राज्यव्यापी आंदोलन करने को कर्मचारी संगठन मजबूर होगा। राजस्थान सरकार ने कर्मचारियों की वेतन विसंगतियों को दूर करने के लिए 3 नवंबर, 2017 को सेवानिवृत्त आईएएस डीसी सामंत की अध्यक्षता में वेतन विसंगति निवारण समिति का गठन किया था। सामंत कमेटी की रिपोर्ट 5 अगस्त, 2019 को राजस्थान सरकार को सौंप दी गई थी। पर सरकार ने इस कमेटी की रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं की। इसकी जगह वेतन विसंगतियां के निराकरण के लिए 5 अगस्त, 2021 को एक और कमेटी सेवानिवृत आईएएस खेमराज चौधरी की अध्यक्षता में कर्मचारी वेतन विसंगति परीक्षण समिति के नाम से गठित कर दी। इस कमेटी की रिपोर्ट भी 30 दिसम्बर, 2022 को राज्य सरकार को प्राप्त हो चुकी है। यह दोनों ही रिपोर्ट वर्तमान में राज्य सरकार में परीक्षणाधीन है।
गजेंद्र सिंह राठौड़ ने बताया कि राज्य सरकार ने इससे पूर्व भी वेतन विसंगतियों के निराकरण के लिए कई कमेटियां बनाई हैं, लेकिन रिपोर्ट कभी सार्वजनिक नहीं की। जिससे कर्मचारियों में नाराजगी बढ़ रही है।
यह भी पढ़ें -