राजस्थान विश्वविद्यालय की अकादमिक परिषद् की बैठक में निर्णय
जयपुर. राजस्थान विश्वविद्यालय से स्नातक करने वाले छात्रों को इंटर्नशिप करना जरूरी होगा। इसके लिए महाविद्यालयों में कांउसलर नियुक्त किए जाएंगे। नई शिक्षा नीति में यूजीसी के दिशा-निर्देशों के अनुसार छात्रों को इंटर्नशिप करनी होगी। वहीं विश्वविद्यालय छात्र के दस्तावेज में नाम या माता-पिता के नाम परिवर्तन मामले में परिवर्तित नाम के साथ पूर्व के नाम का भी उल्लेख होगा। ये निर्णय राजस्थान विश्वविद्यालय अकादमिक परिषद् की शुक्रवार को सीनेट हॉल में हुई बैठक में लिए गए।
कुलपति प्रो. अल्पना कटेजा की अध्यक्षता में हुई बैठक में विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रमों में प्रवेश और परीक्षा के समय छात्र की ओर से दिए गए नाम, माता-पिता का नाम जैसे व्यक्तिगत विवरण में परिवर्तन किए जाने का भी निर्णय लिया गया, इसमें विश्वविद्यालय अन्य औपचारिकताओं के साथ दस्तावेजों में किसी तरह के परिवर्तन की स्थिति में उसके परिवर्तित नाम के साथ पूर्व के नाम का भी उल्लेख करेगा। इसके अलावा बैठक में विभिन्न अकादमिक से जुड़े विषयों को लेकर निर्णय लिए गए। वहीं विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की ओर से समय—समय पर जारी किए जाने वाले दिशा निर्देशों व अधिनियमों को स्वीकार करने का निर्णय लिया गया।
ये भी लिए गए निर्णय
- विश्वविद्यालय आगामी शिक्षक दिवस 5 सितम्बर को विश्वविद्यालय में उत्कृष्ट शैक्षणिक कार्य करने वाले शिक्षकों को सम्मानित करेगा।
- विश्वविद्यालय में संचालित किए जा रहे एम.ए. ट्रैमेटिक्स पाठ्यक्रम को मास्टर ऑफ परफॉर्मिंग आर्ट्स (एमपीए, ड्रामेटिक्स) के नाम से जाना जाएगा।
- नई शिक्षा नीति के अनुसार संचालित किए जा रहे पाठ्यक्रमों को देखते हुए विश्वविद्यालय में पूर्व में संचालित किए जा रहे वार्षिक पद्धति के पाठ्यक्रमों के लिए अधिकतम 6 वर्ष की अवधि में पूरा करने का निर्णय लिया गया।