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Jaipur: दीवार फांदकर हॉस्टल में पहुंचे पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा, राजपूत सभा भवन में बरसे, कहा- जेल बना दिया है

राजपूत हॉस्टल में कथित अनियमितताओं को लेकर पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा गुरुवार को समर्थकों के साथ राजपूत सभा भवन पहुंचे। यहां हॉस्टल संचालन को लेकर आरोप-प्रत्यारोप के बीच नारेबाजी हुई।

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फोटो- पत्रिका नेटवर्क

जयपुर। राजपूत हॉस्टल में कथित अनियमितताओं को लेकर गुरुवार को माहौल गर्मा गया। पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा अपने समर्थकों के साथ राजपूत सभा भवन पहुंचे, जहां जमकर नारेबाजी हुई। गुढ़ा ने हॉस्टल के संचालन पर गंभीर आरोप लगाते हुए इसे गरीब और मध्यम वर्गीय छात्रों के लिए शोषण का केंद्र बताया। वहीं राजपूत सभा के पदाधिकारियों ने सभी आरोपों को निराधार करार दिया।

समर्थकों के साथ धरने पर बैठे

गुरुवार को राजेंद्र गुढ़ा राजपूत सभा भवन पहुंचे। इससे पहले ही उनके समर्थक वहां एकत्र हो गए थे। गुढ़ा के पहुंचते ही सभा भवन परिसर में नारेबाजी शुरू हो गई। इसके बाद गुढ़ा समर्थकों के साथ धरने पर भी बैठ गए और मीडिया से बातचीत में राजपूत सभा भवन के अध्यक्ष पर मनमानी और अनियमितताओं के आरोप लगाए।

गुढ़ा ने लगाए कई आरोप

इससे एक दिन पहले बुधवार को राजेंद्र गुढ़ा सिंधी कैंप स्थित राजपूत हॉस्टल पहुंचे थे। उस समय हॉस्टल का गेट बंद होने के कारण वे दीवार फांदकर अंदर गए और वहां रह रहे विद्यार्थियों से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने हॉस्टल की स्थिति को लेकर वीडियो बनाया, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। वीडियो में गुढ़ा ने कहा कि जहां उन्होंने स्वयं पढ़ाई की, वहां पिछले 50 साल में कोई सुधार नहीं हुआ और छात्रों से मनमाने तरीके से पैसे वसूले जा रहे हैं।

गुढ़ा ने आरोप लगाया कि हॉस्टल परिसर को कंटीले तारों से घेर दिया गया है, जिससे यह जेल जैसा प्रतीत होता है। उन्होंने कहा कि हॉस्टल में रहने वाले विद्यार्थियों से 50-50 हजार रुपए तक लिए जा रहे हैं। छत पर जाने की सीढ़ियां बंद कर दी गई हैं और कई कमरों की खिड़कियों के पास सड़क पर बसें खड़ी रहती हैं, जिससे हर समय शोर बना रहता है। ऐसे में विद्यार्थी परीक्षा की तैयारी कैसे करेंगे।

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि बस संचालकों से कमीशन लिया जा रहा है। गुढ़ा ने कहा कि पहले हॉस्टल का संचालन एक ट्रस्ट करता था, लेकिन बाद में इसे राजपूत सभा भवन ने अपने नियंत्रण में ले लिया। उस समय उम्मीद की गई थी कि व्यवस्थाएं सुधरेंगी, लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है।

पूर्व मंत्री ने यह आरोप भी लगाया कि जब वे छात्रों से मिलने पहुंचे तो हॉस्टल का गेट बंद कर ताले लगा दिए गए। उन्होंने कहा कि जिन विद्यार्थियों से उन्होंने मुलाकात की, उन्हें अब हॉस्टल से निष्कासित करने की धमकी दी जा रही है। सर्दी के मौसम में यदि बच्चों को बाहर निकाला गया तो वे कहां जाएंगे, यह बड़ा सवाल है।

आरोपों को नकारा

गुढ़ा ने राजपूत सभा के चुनावों को लेकर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान छह माह में सदस्यता शुरू करने का वादा किया गया था, लेकिन अब तक यह प्रक्रिया शुरू नहीं हुई। उन्होंने आरोप लगाया कि समाज के बाहर के लोगों को सदस्य बनाकर वोटिंग कराई जाती है और इसी तरह अध्यक्ष चुने जाते हैं। वहीं राजपूत सभा भवन के पदाधिकारियों ने गुढ़ा के सभी आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए कहा कि हॉस्टल का संचालन नियमों के तहत किया जा रहा है और किसी भी छात्र के साथ अन्याय नहीं हो रहा है।