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Jaipur: पूर्व पीएम वाजपेयी की जयंती पर सीएम भजनलाल शर्मा बोले- विश्वास, संवाद और परिणाम सुशासन के आधार

मुख्यमंत्री ने कहा कि सुशासन विश्वास, संवाद और परिणाम के तीन स्तंभों पर आधारित है और राज्य सरकार इसी सोच के साथ काम कर रही है। अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर आयोजित सुशासन दिवस कार्यक्रम में उन्होंने अधिकारियों व कर्मचारियों को सुशासन की शपथ दिलाई।

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CM Bhajanlal Sharma

कार्यक्रम को संबोधित करते मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा। फोटो- पत्रिका नेटवर्क

जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने सुशासन का आधार विश्वास, संवाद और परिणाम के तीन स्तंभों पर टिका बताया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मंत्र ‘सरकार का अभाव और दबाव दोनों ही नहीं होने चाहिए’ के अनुरूप कार्य कर रही है।

वाजपेयी को श्रद्धांजलि दी

शर्मा गुरुवार को शासन सचिवालय में भारत रत्न व पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती ‘सुशासन दिवस’ के अवसर पर आयोजित शपथ कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने पुष्पांजलि अर्पित कर अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि दी तथा अधिकारियों एवं कर्मचारियों को सुशासन की शपथ दिलाई।

शासन-प्रशासन का सर्वोच्च ध्येय जनसेवा

मुख्यमंत्री ने कहा कि वाजपेयी का जीवन और दर्शन हमें सिखाता है कि शासन और प्रशासन का सर्वोच्च ध्येय जनसेवा होना चाहिए। यह आयोजन राज्य के पारदर्शी, जवाबदेह और नागरिक केंद्रित प्रशासन का प्रतीक है। सुशासन एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है, जिसके केंद्र में योजनाओं की सफल क्रियान्विति के माध्यम से अंतिम छोर पर बैठे व्यक्ति को लाभ पहुंचाना है।

उन्होंने कहा कि सुशासन तभी संभव है जब नियम स्पष्ट हों, अधिकारी संवेदनशील हों और सरकार उत्तरदायी बने। यह ऐसी व्यवस्था है, जिसमें जनता की जरूरतों को समझकर उन्हें समयबद्ध और प्रभावी सेवाएं प्रदान की जाएं। सुशासन का आधार विश्वास, संवाद और परिणाम के तीन स्तंभों पर टिका है। शर्मा ने कहा कि सुशासन का उद्देश्य तभी पूर्ण होगा, जब किसान, श्रमिक, महिला, युवा और वंचित सहित सभी वर्ग यह अनुभव करें कि सरकार उनके साथ खड़ी है।

राज्य सरकार सेवा वितरण को सरल और पारदर्शी बनाने की दिशा में ग्रामीण एवं शहरी सेवा शिविरों का आयोजन कर लोगों की समस्याओं का समाधान कर रही है। इन शिविरों के माध्यम से अब तक एक करोड़ से अधिक लोग लाभान्वित हो चुके हैं। साथ ही, राजस्थान लोक सेवाओं के प्रदान की गारंटी अधिनियम के तहत गत दो साल में तीन करोड़ 23 लाख से अधिक आवेदनों का सफलतापूर्वक निस्तारण किया गया है।

ई-गवर्नेंस पारदर्शिता का सबसे बड़ा माध्यम

मुख्यमंत्री ने कहा कि ई-गवर्नेंस पारदर्शिता का सबसे बड़ा माध्यम है। ई-पोर्टल, एसएसओ पोर्टल और मोबाइल आधारित सेवाओं ने नागरिकों के समय, धन और ऊर्जा की बचत की है, जिससे उन्हें सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने से मुक्ति मिली है। प्रभावी शिकायत निवारण तंत्र लोकतांत्रिक शासन की आत्मा है।

राजस्थान में राजस्थान संपर्क पोर्टल, त्रिस्तरीय जनसुनवाई और मुख्यमंत्री जनसुनवाई के माध्यम से लोगों की समस्याओं की प्रभावी सुनवाई कर उनका समयबद्ध समाधान किया जा रहा है। गत दो वर्षों में 65 लाख से अधिक जन-शिकायतों का निस्तारण किया गया है।

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अधिकारियों-कर्मचारियों से किया आह्वान

उन्होंने अधिकारियों और कर्मचारियों से आह्वान किया कि तकनीक और संवेदनशीलता के माध्यम से राजस्थान को सुशासन के क्षेत्र में देश का सिरमौर बनाएं। ऐसा राजस्थान बनाएं, जहां विकास सर्वस्पर्शी हो।

मुख्यमंत्री ने कहा कि शासन सचिवालय केवल चूना-पत्थर से बनी इमारत नहीं है, बल्कि यह करोड़ों राजस्थानियों की आशा और विश्वास का प्रतीक है। यहां कार्यरत प्रत्येक व्यक्ति का दायित्व है कि आमजन को त्वरित और बेहतर समाधान मिले। अधिकारियों और कर्मचारियों की निष्ठा व समर्पण के साथ की गई सेवा ही विकसित राजस्थान-2047 का मार्ग प्रशस्त करेगी।