Rajasthan Assembly Budget Session: राजस्थान विधानसभा के बजट सत्र के तीसरे दिन की कार्यवाही गहमागहमी और हंगामे के साथ शुरू हुई।
Rajasthan Assembly Budget Session: राजस्थान विधानसभा के बजट सत्र के तीसरे दिन की कार्यवाही गहमागहमी और हंगामे के साथ शुरू हुई। प्रश्नकाल के दौरान ही सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस छिड़ गई। जैसे ही नए जिले और संभागों को खत्म करने का मुद्दा सदन में उठा, माहौल गर्म हो गया। कांग्रेस ने इस मुद्दे पर चर्चा की मांग की, लेकिन स्पीकर ने नियमों का हवाला देते हुए बहस की अनुमति नहीं दी, जिससे विपक्ष भड़क गया और हंगामा शुरू हो गया।
बता दें, जब स्पीकर ने नए जिले और संभाग समाप्त करने के मुद्दे पर चर्चा कराने से इनकार कर दिया, तो कांग्रेस विधायकों ने सदन में नारेबाजी शुरू कर दी। इस दौरान कांग्रेस ने स्पीकर पर दबाव डालने की कोशिश की, लेकिन स्पीकर ने साफ कहा कि नियमों के अनुसार इस मुद्दे पर आज चर्चा नहीं होगी।
इसके बाद बढ़ते हंगामे को देखते हुए सदन की कार्यवाही को 15 मिनट के लिए स्थगित कर दिया गया। इसके बाद 12:30 बजे जब कार्यवाही दोबारा शुरू हुई, तब भी कांग्रेस का विरोध जारी रहा। विपक्ष ने वेल में आकर नारेबाजी की और सरकार पर फैसले वापस लेने का आरोप लगाया।
लगातार हंगामे के बीच स्पीकर ने 7 फरवरी को इस मुद्दे पर आधे घंटे की चर्चा का आश्वासन दिया। हालांकि, कांग्रेस इस फैसले से संतुष्ट नहीं हुई और शून्यकाल के दौरान फिर हंगामा किया।
राजस्थान की भजनलाल सरकार ने हाल ही में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार द्वारा बनाए गए 19 नए जिलों में से 9 जिलों को समाप्त कर दिया था। इसके अलावा, तीन नए संभाग-पाली, सीकर और बांसवाड़ा का दर्जा भी खत्म कर दिया गया। अब ये पहले की तरह जिले ही रहेंगे।
कांग्रेस का आरोप है कि सरकार जनता के हितों के साथ खिलवाड़ कर रही है और बिना कारण जिलों को खत्म किया गया है। हंगामे के बीच टीकाराम जूली ने कहा कि केवल दो जिलों का मामला कोर्ट में है, बाकी जिलों पर चर्चा हो सकती है, लेकिन सरकार ने सभी पर चर्चा से इनकार कर दिया।
संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने दलील दी कि नए जिलों को खत्म करने का मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है, इसलिए इस पर चर्चा नहीं कराई जा सकती। उन्होंने कहा कि विधानसभा में ऐसे मामलों पर चर्चा नहीं कराने की परंपरा रही है। सरकार का कहना है कि सभी फैसले राज्य के विकास को ध्यान में रखकर लिए गए हैं।
बताते चलें कि बुधवार को राजस्थान विधानसभा का बजट सत्र सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस और हंगामे के नाम रहा। क्योंकि नए जिले और संभागों को खत्म करने का मुद्दा कांग्रेस के लिए बड़ा राजनीतिक मुद्दा बना हुआ है। स्पीकर ने 7 फरवरी को इस मुद्दे पर आधे घंटे की चर्चा कराने का आश्वासन दिया है, लेकिन विपक्ष इससे संतुष्ट नहीं दिख रहा।