राजधानी जयपुर में बीती रात सीजन की सबसे सर्द रात रही और पारा दो डिग्री से ज्यादा गिरने पर शहरवासियों को अब सर्द मौसम का अहसास होने लगा है
जयपुर। ला नीना सक्रिय होते ही प्रदेश में अब सर्दी की रंगत दिखाई देने लगी है। बीती रात शेखावाटी अंचल में पारा लुढ़कने पर लोगों को ठिठुरन महसूस हुई। वहीं सिरोही जिले में बीती रात पारा स्थिर रहा लेकिन सर्दी के तेवर तीखे रहे। राजधानी जयपुर में बीती रात सीजन की सबसे सर्द रात रही और पारा दो डिग्री से ज्यादा गिरने पर शहरवासियों को अब सर्द मौसम का अहसास होने लगा है। मौसम विभाग ने अगले एक दो दिन में दिन और रात के तापमान में और गिरावट होने व सर्दी का जोर बढ़ने की संभावना जताई है।
गुलाबीनगर में सीजन की सबसे सर्द रात
राजधानी जयपुर में बीती रात इस सीजन की सबसे सर्द रात रही। बीती रात पारा 2.3 डिग्री लुढ़क कर 16.9 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। शहर में उत्तरी हवा के असर से रात के अलावा दिन के तापमान में भी गिरावट का दौर अब शुरू हो गया है। हालांकि शहर में अब भी अधिकतम तापमान सामान्य से ज्यादा दर्ज हो रहा है लेकिन मौसम विभाग ने अगले दो तीन दिन में दिन व रात में पारा सामान्य या उससे कम रहने की उम्मीद जताई है।
शेखावाटी अंचल ठिठुरा, माउंटआबू सर्द
मौसम विभाग की सूचना के अनुसार प्रदेश में बीती रात मौसम ने पलटा खाया और कई इलाकों में दो तीन डिग्री तक गिरावट होने पर अचानक से सर्दी का जोर बढ़ गया। शेखावाटी अंचल के कई इलाकों में सर्दी अब धूजणी छुड़ाने लगी है। मैदानी इलाकों में सिरोही 12.1 डिग्री न्यूनतम तापमान के साथ सबसे सर्द रहा। वहीं सीकर 13, फतेहपुर 13.1, माउंटआबू 9.2, जालोर 15, भीलवाड़ा 14.4, चूरू 15.6, पिलानी 15.6, अलवर 15.4, वनस्थली 15, डबोक 14.4, अंता बारां 14.8, करौली 14.5, श्रीगंगानगर 16.8, संगरिया 17.1 और कोटा में न्यूनतम तापमान 16.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
ला नीना अब सक्रिय, ठिठुराएगी सर्दी
मौसम विज्ञानियों के अनुसार ला नीना सक्रिय नहीं होने से अब तक मौसम का मिजाज शुष्क रहा लेकिन अब ला नीना सक्रिय होने लगा है। इस बार प्रदेश में सर्दी धीमी गति से आगे बढ़ेगी। जलवायु परिवर्तन की वजह से गर्मी, बरसात और सर्दी अपने अनुमानित समय से एक माह आगे खिसक गए हैं। यानि नवंबर में पड़ने वाली कड़ाके की सर्दी अब दिसंबर से शुरू होने और फरवरी तक सर्दी का सिलसिला चलने की संभावना है।
यह होता है ला निना
ला नीना प्रशांत महासागर और ऊपर के वायुमंडल के बीच परस्पर क्रिया के कारण होता है। इसका दुनिया भर के मौसम पर प्रभाव पड़ सकता है। इसकी सक्रियता से मध्य और पूर्व- मध्य भूमध्यरेखीय प्रशांत क्षेत्र में महासागर की सतह के तापमान में कमी आती है और ठंड का चक्र शुरू होता है।