Women Safety: यह खबर बताती है कि जिस शहर को हम 'पिंक सिटी' कहते हैं, उसकी दीवारों के पीछे का सच कितना गहरा है। एक रिपोर्ट ने हमें पहले ही झुका दिया था और अब यह नया खुलासा हमारे जख्मों को कुरेद रहा है।
Women Safety: जयपुर, जो अपनी खूबसूरती के लिए जाना जाता है, आज घरेलू हिंसा के बढ़ते मामलों में सबसे आगे है। ये सिर्फ आंकड़े नहीं, बल्कि उन महिलाओं की दबी हुई आवाजें हैं, जो हर दिन अपने घरों में दर्द और डर के साए में जी रही हैं।
दरअसल, नेशनल एनुअल रिपोर्ट एंड इंडेस ऑन वुमन सेफ्टी में पहले ही शर्मसार हो चुके जयपुर ने एक बार फिर चिंताजनक स्थिति पेश की है। महिलाओं के खिलाफ घरेलू हिंसा के मामलों में यह शहर प्रदेश में सबसे आगे है। पिछले पांच वर्ष में एक लाख से ज्यादा पीड़ित महिलाएं मदद के लिए महिला सुरक्षा एवं सलाह केंद्र और वन स्टॉप सेंटर पहुंची हैं, जिनमें से सबसे ज्यादा जयपुर से हैं।
घरेलू हिंसा के मामलों में भावनात्मक और मानसिक प्रताड़ना, मारपीट, घर से बाहर निकालने की धमकी जैसी शिकायतें शामिल हैं। पिछले पांच साल में जयपुर जिले में 18 हजार से अधिक महिलाएं मदद मांगने आईं।
प्रदेश के 37 वन स्टॉप सेंटरों पर पिछले पांच साल में 27,735 महिलाएं मदद लेने आईं। इसमें जयपुर के वन स्टॉप सेंटर पर सबसे अधिक 3,726 महिलाएं पहुंचीं। महिला अधिकारिता विभाग के अफसरों के अनुसार, इन केंद्रों पर मदद मांगने वाली लगभग 60 प्रतिशत महिलाएं घरेलू हिंसा की शिकार रही हैं।
प्रदेश में वर्ष 2020-21 से 202425 तक घरेलू हिंसा से पीड़ित 72,152 महिलाएं महिला सुरक्षा एवं सलाह केन्द्रों पर पहुंचीं।
-साल 2020-21 में 5,898 महिलाएं
-साल 2021-22 में 7,845 महिलाएं
-साल 2022-23 में 9,089 महिलाएं
-साल 2023-24 में 20,070 महिलाएं
-साल 2024-25 में 29,250 महिलाएं
(जिला वाइज आंकड़ों के अनुसार, जयपुर में पिछले पांच साल में 14,102 महिलाएं सहायता के लिए आईं। इसके बाद अजमेर (4,372), कोटा (4,246), अलवर (3,090) और भीलवाड़ा (3,008) हैं।
-साल 2020-21 में 3,006 महिलाएं
-साल 2021-22 में 4,538 महिलाएं
-साल 2022-23 में 5,415 महिलाएं
-साल 2023-24 में 6,584 महिलाएं
-साल 2024-25 में 8,192 महिलाएं
(ये आंकड़े समाज की नजर झुकाने के लिए काफी हैं)
-साल 2020-21 में 562 मामले
-साल 2021-22 में 642 मामले
-साल 2022-23 में 642 मामले
-साल 2023-24 में 878 मामले
-साल 2024-25 में 1,002
-246 महिला सुरक्षा एवं सलाह केन्द्र संचालित हैं प्रदेश भर में
-20 नए केन्द्र हाल ही में स्वीकृत हुए हैं
-36 वन स्टॉप सेंटर पहले से संचालित, 12 नए खुले
-प्रत्येक महिला सुरक्षा एवं सलाह केन्द्र पर सालाना 5 लाख रुपए खर्च
-वन स्टॉप सेंटर पर प्रति महीने 3 लाख रुपए खर्च
महिलाओं के साथ घरेलू हिंसा के मामलों में यथासंभव आवश्यक मदद देने का प्रयास किया जाता है। अब वन स्टॉप सेंटर महिला हेल्पलाइन नंबर 181 से भी जुड़ गए हैं, ताकि कोई भी महिला तुरंत सहायता प्राप्त कर सके।
-नीतू राजेश्वर, आयुक्त, महिला अधिकारिता विभाग