जयपुर

Ram Jal Setu Link: राजस्थान के 17 जिलों की प्यास बुझाने की तैयारी, जानिए कितना तैयार है ‘राम जल सेतु’

Drinking Water Supply: राजस्थान को जल आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में बड़ा कदम: राम जल सेतु लिंक बनेगा 17 जिलों की जीवनरेखा। 14,600 करोड़ की परियोजनाओं की समीक्षा।

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Nov 12, 2025
फाइल फोटो पत्रिका

Rajasthan Water Project: जयपुर। जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत ने कहा कि राम जल सेतु लिंक परियोजना, जो ईआरसीपी परियोजना से एकीकृत है, राजस्थान के जल प्रबंधन की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल है। यह परियोजना न केवल जल संसाधनों के समुचित उपयोग का माध्यम बनेगी, बल्कि प्रदेश के 17 जिलों के सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय विकास में नई ऊर्जा का संचार करेगी। उन्होंने कहा कि यह लिंक परियोजना भविष्य में राजस्थान की जीवनरेखा साबित होगी, जिससे पेयजल और सिंचाई दोनों की जरूरतें पूरी होंगी।


रियल टाइम मॉनिटरिंग से होगी परियोजना की समीक्षा

मंत्री रावत ने शासन सचिवालय में आयोजित समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए कि राम जल सेतु लिंक (संशोधित पार्वती-कालीसिंध-चम्बल लिंक) परियोजना की प्रगति की रियल टाइम मॉनिटरिंग की जाए। उन्होंने कहा कि कार्यों की समयबद्धता और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए नियमित समीक्षा आवश्यक है। उन्होंने चेतावनी दी कि आगामी बैठकों में पहले दिए गए निर्देशों की अनुपालना स्थिति की भी जांच की जाएगी, ताकि परियोजना में किसी प्रकार की देरी न हो।


मुख्यमंत्री का लक्ष्य-हर घर तक स्वच्छ पेयजल

रावत ने बताया कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का उद्देश्य राज्य के प्रत्येक नागरिक तक स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करना है। साथ ही, राज्य सरकार कृषि के लिए पर्याप्त सिंचाई जल उपलब्ध कराने के लिए यमुना जल साझेदारी और राम जल सेतु लिंक परियोजना जैसी योजनाओं को मिशन मोड में आगे बढ़ा रही है। इन प्रयासों से राजस्थान को जल आत्मनिर्भर राज्य बनाने का लक्ष्य हासिल किया जा सकेगा।


14,600 करोड़ के कार्यों की समीक्षा, नौ हजार करोड़ के प्रोजेक्ट प्रगतिरत

बैठक में राज्य की पेयजल आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए चल रहे पांच प्रमुख कार्यों — ईसरदा से रामगढ़ बांध जयपुर तक फीडर निर्माण, ईसरदा से खुरा चैनपुरा-बंधबारेठ भरतपुर तक फीडर निर्माण, मोरसागर कृत्रिम जलाशय निर्माण, बीसलपुर से मोरसागर तक फीडर निर्माण और खुरा चैनपुरा से जयसमंद अलवर तक फीडर निर्माण — की प्रगति की समीक्षा की गई। इन कार्यों पर 14,600 करोड़ रुपए की लागत स्वीकृत की गई है। साथ ही रामगढ़, महलपुर बैराज, नवनेरा पंप हाउस सहित चम्बल नदी पर एक्वाडक्ट निर्माण जैसे 9,500 करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट प्रगतिरत हैं। अधिकारियों ने बताया कि सभी कार्य निर्धारित समय सीमा में पूर्ण किए जाएंगे।

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Published on:
12 Nov 2025 04:01 pm
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