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Voter Revision: गणना प्रपत्र वितरण में छलांग, जानिए राजस्थान में किस जिले ने मारी बाजी, और कौनसा जिला फिसडृी

Online Voter Form: 3.50 करोड़ से अधिक मतदाताओं तक पहुंचा अभियान। गणना प्रपत्र वितरण का आंकड़ा 3.50 करोड़ के पार, प्रदेश के 64% मतदाताओं तक पहुंचा अभियान।

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जयपुर

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Rajesh Dixit

Nov 12, 2025

MP Congress's exercise on the 2003 trouble in SIR

SIR में सन 2003 की झंझट पर एमपी कांग्रेस की बड़ी कवायद (photo- सोशल मीडिया)

Voter List Update: जयपुर। मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण कार्यक्रम (SIR–2026) के तहत राजस्थान में गणना प्रपत्र वितरण का अभियान तेजी से आगे बढ़ रहा है। अब तक प्रदेशभर में 3 करोड़ 50 लाख से अधिक गणना प्रपत्र वितरित किए जा चुके हैं। मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवीन महाजन के अनुसार यह आंकड़ा कुल मतदाताओं के 64 प्रतिशत तक पहुंच चुका है। उन्होंने बताया कि मंगलवार को आठवें दिन तक झालावाड़ जिला 85 प्रतिशत वितरण के साथ लगातार अग्रणी बना हुआ है। वहीं चित्तौड़गढ़, राजसमंद और उदयपुर भी क्रमशः 75 प्रतिशत से अधिक वितरण के साथ शीर्ष जिलों में शामिल हैं।

इसके विपरीत करौली जिला 53 प्रतिशत के साथ सबसे नीचे दर्ज हुआ है, जबकि बीकानेर, सवाई माधोपुर और झुंझुनू भी नीचे से क्रमशः दूसरे, तीसरे और चौथे स्थान पर हैं। विधानसभा क्षेत्रों में डग ने 93 प्रतिशत मतदाताओं तक गणना प्रपत्र पहुंचाकर पहला स्थान बनाया है, जबकि बेगूं 90 प्रतिशत और बसेड़ी 87 प्रतिशत वितरण के साथ दूसरे व तीसरे स्थान पर हैं। भरतपुर विधानसभा क्षेत्र मात्र 47 प्रतिशत वितरण के साथ सबसे नीचे है, जबकि गंगानगर, बीकानेर पश्चिम और लाडपुरा भी निम्नतम श्रेणी में शामिल हैं।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी महाजन ने कहा कि यह एक समयबद्ध और अत्यंत महत्वपूर्ण कार्यक्रम है। उन्होंने सभी जिलों को डिजिटलाइजेशन की प्रक्रिया को गति देने और बीएलओ को आवश्यक तकनीकी सहायता प्रदान करने के निर्देश दिए। उन्होंने चेतावनी दी कि गणना प्रपत्र वितरण व डिजिटलीकरण में सुस्ती या लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। लगातार पिछड़ने वाले निर्वाचक पंजीकरण अधिकारियों को सख्त निर्देश जारी किए गए हैं कि वे कार्य की गति में तत्काल सुधार करें।

राज्य में अब तक करीब 8 लाख गणना प्रपत्र ईसीआईनेट पर डिजिटाइज किए जा चुके हैं। महाजन ने कहा कि भरे हुए गणना प्रपत्रों को डिजिटल रूप में अपलोड करने का कार्य तेजी से चल रहा है और सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों को इसकी गति और बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं।


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